‘शरद पवार को अध्यक्ष पद नहीं छोड़ना चाहिए’, रो पड़े जयंत पाटिल, अजित ने कही ये बात

मुंबई,

एनसीपी नेता शरद पवार ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही जयंत पाटिल भावुक हो गए. उन्होंने रोते हुए कहा कि शरद पवार को ऐसे इस्तीफे का ऐलान नहीं करना चाहिए. पवार का फैसला हमें पसंद नहीं आएगा. पवार के बिना हम जनता के पास कैसे जाएं. पाटिल ने कहा कि आपको पार्टी में बना रहना चाहिए, आप जो बदलाव करना चाहते हैं, उन्हें करें, जिसे जो जिम्मेदारी देना चाहते हैं, दे दें, लेकिन पार्टी में बने रहें.

वहीं पवार के इस्तीफे पर महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा कि उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहने चाहिए. अजित ने कहा कि शरद पवार को कमेटी का फैसला मानना होगा, पहले इसको लेकर कमेटी में चर्चा होगी, जिसमें परिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. अजित पवार ने कहा कि शरद पवार अपने इस्तीफे पर एनसीपी कमेटी के फैसले का पालन करेंगे.

शरद पवार के नेतृत्व में ही होगा चुनाव: अजित पवार
इस दौरान अजित पवार ने कहा कि बार-बार शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने को न कहें. उनके मार्ग दर्शन में ही नए अध्यक्ष का चुनाव होगा. पवार साहब का नेतृत्व और मार्गदर्शन हमेशा रहेगा. पार्टी अध्यक्ष कोई भी हो, उनका मार्गदर्शन हमेशा रहेगा.

अजित पवार ने कहा कि कभी-कभी ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं. साहब के नेतृत्व में अगला अध्यक्ष चुना जाएगा तो क्या दिक्कत है. सभी निर्णय और पार्टी के भविष्य के निर्णय साहेब के नेतृत्व और मार्गदर्शन में होंगे. वह फैसला बदलने वाले नहीं हैं. यह फैसला किसी दिन तो लिया जाना था. शरद पवार कल ही फैसले की घोषणा करना चाहते थे, लेकिन आज इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा कर दी.

छगन भुजबल बोले- पवार ही हमारे नेता, वही कमेटी
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि शरद पवार को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद पवार ही हमारे लिए कमेटी हैं, वहीं हमारे नेता हैं. उन्हें जो निर्णय लेना हो, लें, लेकिन पार्टी अध्यक्ष का पद न छोड़ें.

पवार के इस्तीफे से एनसीपी में मच गई हलचल
शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही एनसीपी में हलचल मच गई है. एनसीपी के सभी बड़े नेताओं ने शरद पवार को अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपील की है. अजित पवार, जयंत पाटिल, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल समेत सभी नेताओं ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.

शरद पवार ने इस्तीफे के ऐलान पर क्या कहा?
शरद पवार ने कहा, 1999 में एनसीपी के गठन के बाद से मुझे अध्यक्ष रहने का मौका मिला. आज इसे 24 साल हो गए हैं. पवार ने कहा, 1 मई, 1960 से शुरू हुई यह सार्वजनिक जीवन की यात्रा पिछले 63 सालों से बेरोकटोक जारी है. इस दौरान मैंने महाराष्ट्र और देश में अलग अलग भूमिकाओं में सेवा की है. पवार ने कहा, मेरा राज्यसभा कार्यकाल तीन साल का बचा है. इस दौरान मैं कोई पद न लेते हुए महाराष्ट्र और देश से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा.

शरद पवार ने जैसे ही पद छोड़ने का ऐलान किया, कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. कार्यकर्ताओं ने शरद पवार से पद न छोड़ने की अपील की. कार्यकर्ता शरद पवार से फैसला बदलने की अपील करते दिखे. इस दौरान पावर के कुछ समर्थक और कार्यकर्ता रोते हुए भी नजर आए.

कमेटी में हों ये सदस्य
पवार ने कहा, चुनाव समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, केके शर्मा, पीसी चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़, राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फौजिया खान, धीरज शर्मा, राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस की सोनिया दूहन शामिल रहें.

 

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