सुप्रीम कोर्ट में वकील बोले- मैंने कई बम ब्लास्ट किए, जस्टिस ने पूछा- कितने?

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे से शेखी बघारते हुए कहा कि उन्होंने देश भर में कई बम ब्लास्ट किए हैं। उनकी बात को सुनकर तीन जजों की बेंच भी एक बार सकते में रह गई। एक जस्टिस ने पूछा- आपने कितने ब्लास्ट किए हैं। हमें भी तो बताईए। वकील को लगा कि मामला सीरियस हो रहा है तो वो मुस्कुरा कर बोले। माई लॉर्ड मेरा मतलब केसों से था। उसके बाद कोर्ट रूम में ठहाके लगने लगे।

दरअसल एक केस की सुनवाई के लिए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच के सामने पेश हुए थे। वहीं पर ये वाकया पेश आया। दवे का जवाब सुनने के बाद तीनों जस्टिसों ने उनकी जमकर खिंचाई की।

एडवोकेट से जस्टिस ने पूछा- क्या उनके सलाहकार इलाहाबाद से हैं
बेंच ने पूछा कि क्या दवे को सलाह देने वाले इलाहाबाद से हैं। उनका इशारा अतीक अहमद की तरफ था। वकील ने भी मजाकिया लहजे में कहा कि उससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक जगह आजमगढ़ से। जस्टिस गवई ने उनसे कहा कि तो आप बहुत सारे निर्देश आजमगढ़ से ही लेते हैं। उसके बाद जस्टिस संजय करोल ने भी उनकी चुटकी ली। फिर जस्टिस गवई ने किसी शख्स का उल्लेख करते हुए कहा कि दवे उनके केस में कपिल सिब्बल के साथ पेश हुए थे।

उसके बाद बेंच ने एडवोकेट दवे से पूछा कि क्या वो साकेत कोर्ट जाते हैं। दवे का जवाब था कि वो इतने लालची नहीं हैं जो छोटी मोटी कोर्ट में चक्कर काटते फिरे। जस्टिस गवई ने फिर से उनकी चुटकी लेते हुए कहा कि रामजेठमलानी भी मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने से नहीं हिचकिचाते थे। कई मामलों में मैंने उन्हें खुद असिस्ट किया था।

जस्टिस बोले- पांच साल के बाद जूनियर को चेंबर में रखना गलत तो मिला ये जवाब
जस्टिस गवई ने उसके बाद दवे से कहा कि वो अपनी सहयोगी स्टाफ के बारे में बताए। वो उनका शुक्रिया अदा करना चाहेंगे। वकील ने कहा कि उनकी एक जूनियर 15 साल से उनके चेंबर में है। वो ही उन्हें असिस्ट करती है। जस्टिस गवई ने फिर से उनकी चुटकी लेते हुए कहा कि जूनियर को इतने लंबे अरसे तक चेंबर में रखना गलत है। पांच साल बाद सीनियर एडवोकेट को उन्हें ये बता देना चाहिए। एडवोकेट दवे ने कहा कि मैंने जूनियर को ये बात बता दी थी। मैंने उसको कहा था कि वो एडवोकेट ऑन रिकार्ड के एग्जाम में बैठे।

 

About bheldn

Check Also

‘मर्जी से दुकान के बाहर नाम लिखने से नहीं रोका, बस किसी को मजबूर नहीं कर सकते’ नेमप्लेट विवाद पर SC ने कहा

नई दिल्ली, कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों और भोजनालयों के लिए नेमप्लेट विवाद पर शुक्रवार …