नीतीश कुमार ने सरेंडर कर दिया…’, बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर PK का बड़ा हमला

पटना,

बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर सियासी घमासान जारी है. इसी बीच प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर सरेंडर कर दिया है. पीके ने कहा, दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने वाले लोग नंगे हो गए हैं.

प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज पदयात्रा निकाल रहे हैं. यात्रा के 214वें दिन वे वैशाली के महुआ पहुंचे. यहां आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े सवाल पर कहा कि नीतीश कुमार ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर सरेंडर कर दिया है. नीतीश कुमार अब बस इस स्थिति में हैं कि वे सीएम बने रहें, चाहें बाकी राज्य में जिसे जो करना है, वह करता रहे.

पीके ने कहा, नीतीश कुमार की ये स्थिति आनंद मोहन की रिहाई से नहीं हुई है, उससे पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, उस समय से नीतीश कुमार इस तरह के फैसले ले रहे हैं.प्रशांत किशोर ने कहा, अब नीतीश के मंत्रिमंडल में चार ऐसे मंत्री हैं, जिनका नाम RJD की तरफ से 2015 में भी प्रस्तावित किया गया था, लेकिन उनकी दागदार छवि को देखते हुए उन्हें शामिल नहीं किया गया था. लेकिन अब ये लोग मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के अगल-बगल में बैठे हुए हैं.

नीतीश ने दलितों की राजनीति लाभ के लिए की- पीके
प्रशांत किशोर ने कहा, आनंद मोहन की रिहाई से एक बात ये स्पष्ट हो रही है कि नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं, जिसकी हत्या हुई वह दलित समाज के गरीब परिवार का व्यक्ति था. नीतीश कुमार जो दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने का दावा करते हैं, ये उस समाज के सामने बिलकुल नंगे हो गए हैं. जब आपको वोट का लाभ दिखता है, तब आप गरीब, पिछड़े और दलितों… सब को भूल जाते हैं. ये जो दलितों की राजनीति है, वो सिर्फ अपने लाभ तक है, और ये अपने परिवार और वोट तक ही सीमित रह जाती है.

अभी हस्ताक्षर करना सीख रहे तेजस्वी- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 10वीं फेल तेजस्वी अभी शायद सिग्नेचर (हस्ताक्षर) करना सीख रहे हैं. सीखने के बाद शायद वे 10 लाख नौकरी पर साइन करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा, तेजस्वी ने कहा था कि हम पहली कैबिनेट मीटिंग में पहले सिग्नेचर से ही 10 लाख नौकरी दे देंगे. ये तेजस्वी की अज्ञानता को दिखाता है कि यदि आप 10 लाख नौकरी दे रहे हैं तो एक कैबिनेट में एक सिग्नेचर करके कैसे 10 लाख नौकरियां दे देंगे?

पीके ने पूछा- अब क्या कलम की स्याही सूख गई ?
पीके ने कहा, नौकरी देने के लिए एक प्रक्रिया है जिसके तहत नौकरी के लिए एक नियमावली है, नौकरी में कितने पद होंगे, आवेदन की प्रक्रिया है, आवेदनकर्ता की योग्यता है. तेजस्वी ने पूरे बिहार में घूम-घूम कर लोगों से कहा कि पहले ही केबिनेट में पहला ही सिग्नेचर करेंगे और 10 लाख लोगों को नौकरियां मिल जाएंगी. अब केबिनेट हो नहीं रही है या कलम की स्याही सूख गई है?

उन्होंने कहा, अगर आप (तेजस्वी) मुख्यमंत्री के लड़के होते हुए भी 10वीं पास नहीं कर पाएं हैं तो आपको कलम चलाना कितना आता होगा? इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी शायद सिग्नेचर करना सीख रहे हैं, जैसे ही सीख जाएंगे तो 10 लाख लड़कों को नौकरियां मिल जाएंगी.

बृजभूषण शरण सिंह मामले पर क्या बोले प्रशांत किशोर?
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने को लेकर पीके ने आडवाणी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए, आडवाणी ने हवाला कांड मामले में केवल नाम आने पर इस्तीफा दे दिया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि खिलाड़ियों की मांग है तो इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. निष्पक्ष जांच का एक मानक मापदंड ये होता है कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया है, व्यक्ति आरोपी है या नहीं इसका फैसला तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन उस व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.

नियम बदलकर हुई आनंद मोहन की रिहाई
दरअसल, बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को रिहा किया था. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जता रहा है. परिवार ने रिहाई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.

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