विपक्षी एकता की आड़ में नीतीश का सियासी खेल, बंगाल और UP के बाद चले ओडिशा

पटना

बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता की अगली कड़ी में ओडिशा और झारखंड की यात्रा पर निकलने वाले हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है, लेकिन जेडीयू के सूत्र बताते हैं कि 5 मई के नीतीश ओडिशा और झारखंड के दौरे पर होंगे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से उनके मिलने का कार्यक्रम है। उनके साथ वही टीम होगी, जो दिल्ली दौरे में थी। यानी डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह साथ जाएंगे।

हेमंत सोरेन से मिल चुके हैं ललन सिंह
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को ही हेमंत सोरेन से रांची में उनके आवास पर मुलाकात की थी। माना जा रहा ह कि उन्होंने नीतीश कुमार की योजना पर उनसे बातचीत की। नीतीश के आने का मकसद बताया। झारखंड में हेमंत सोरेन कांग्रेस और आरजेडी के साथ सरकार चला रहे हैं। बिहार में भी कांग्रेस और आरजेडी सरकार का हिस्सा हैं। हेमंत सोरेन ने पहले ही कहा था कि विपक्षी एकता के प्रयास का वह स्वागत करते हैं। वे जल्दी ही इस मुद्दे पर नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे।

नवीन पटनायक अब तक एकला चले हैं
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक लंबे समय से ओडिशा के सीएम हैं। वह न कभी यूपीए के करीब रहे और न एनडीए के। एकला चलने की उनकी नीति रही है। केंद्र में चाहे जिसकी सरकार हो, वे मुद्दों पर समर्थन देते रहे हैं। दूसरे मुख्यमंत्रियों की तरह उनकी जुबान से कभी किसी की मुखालफत के शब्द जल्दी नहीं फूटते हैं। विपक्षी एकता की जरूरत बताते हुए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी उनसे मुलाकात कर चुकी हैं। पटनायक का इस मुद्दे पर स्टैंड क्या है, यह अब तक सामने नहीं आया है। अलबत्ता नीतीश कुमार की जाति आधारित गणना के तौर पर वे ओडिशा में ओबीसी गणना की तैयारी में लगे हैं।

हेमंत सोरेन विपक्षी एकता के पक्षधर हैं
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन विपक्षी एकता के पक्षधर रहे हैं। अब तक यही देखा गया है कि गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से नाखुश हैं। ममता बनर्जी अपने भतीजे और अन्य टीएमसी नेताओं के खिलाफ चल रही जांच से नाखुश हैं तो हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार से घिरे सूबे के सीएम हैं। झारखंड में अब तक एक आईएएस पूजा सिंघल और एक चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी ईडी ने की है। एक और आइएएस छविरंजन के खिलाफ भी जांच जिस रूप में चल रही है, उनकी भी गिरफ्तारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हेमंत के विधायक प्रतिनिधि समेत आधा दर्जन से अधिक लोग अब तक जेल जा चुके हैं। खनन घोटाले में हेमंत सोरेन से भी ईडी एक बार पूछताछ कर चुका है। हेमंत के खिलाफ और भी कुछ मामले हैं, जिनमें कभी भी कार्रवाई हो सकती है। हेमंत इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की सभा में जा चुके हैं।

नीतीश कितना पटा पाएंगे पटनायक को
विपक्षी एकता की पहल के लिए नीतीश कुमार नवीन पटनायक से मुलाकात तो करेंगे, लेकिन क्या पटनायक किसी विपक्षी एकता का हिस्सा बनना पसंद करेंगे ? यह सवाल इसलिए उठता है कि 2019 में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की पहल पर विपक्षी दलों का जब कोलकाता में जुटान हुआ तो नवीन पटनायक ने खुद को इससे अलग रखा था। क्या इस बार नरेंद्र मोदी के विरोधी के तौर पर खड़े होने के लिए वे तैयार हो पाएंगे ? पटनायक को जानने वाले कहते हैं कि वे चुपचाप काम करने में भरोसा रखते हैं। किसी विवाद में पड़ना नहीं चाहते। उन्हें अब तक न कांग्रेस से प्रेम रहा है और न बीजेपी से नफरत। दूसरे मुख्यमंत्रियों की तरह वे केंद्र से मदद न मिल पाने का रोना भी नहीं रोते हैं।

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