नई दिल्ली,
नोएडा सहित यूपी के प्राइवेट स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए कोरोना काल में ली गई फीस से 15% फीस वापस करने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी फीस वापस न करने पर नोएडा डीएम ने 90 स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना लगाया था. डीएम द्वारा लगाए गए इस जुर्माने के खिलाफ प्राइवेट स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
बता दें, गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी ने 90 प्राइवेट स्कूलों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के समय में स्कूलों द्वारा वसूली गई फीस को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था. कोर्ट ने कहा था कि लॉकडाउन के समय में टीचिंग फीस के अलावा अन्य कोई भी फीस वसूलना गलत था. ऐसे में स्कूलों को कोरोना काल में वसूली गई 15 फीसदी फीस लौटाने का आदेश दिया था.
प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिया गया था कि अगर बच्चा अभी भी उसी स्कूल में पढ़ रहा है तो स्कूल उसकी 15 फीसदी फीस मौजूदा सेशन की फीस में एडजस्ट करेंगे या जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, उनकी 15 फीसदी फीस अभिभावकों को वापस लौटानी होगी.
कोरोना काल में ली थी मनमानी फीस
जिन स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें जिले के नामचीन स्कूल भी शामिल हैं. कोरोना महामारी के समय स्कूलों ने अभिभावकों से पूरी स्कूल फीस वसूली थी. इसके खिलाफ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिसके तहत स्कूलों को फीस लौटाने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने माना था कि लॉकडाउन के समय स्कूल केवल टीचिंग फीस के अलावा और कोई भी फीस मांगने के हकदार नहीं थे. ऐसे में जो स्टूडेंट्स उसी स्कूल में आगे की पढ़ाई कर रहे हैं उनकी मौजूद फीस में सेटलमेंट करने और जो स्टूडेंट्स स्कूल छोड़ चुके हैं उनकी फीस लौटाने का आदेश दिया था.हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद भी अभिभावकों को फीस लौटाई नहीं गई थी और न ही फीस एडजस्ट की गई थी. इसके बाद ही नोएडा डीएम ने 90 स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना लगाया था.