बेंगलुरु
कर्नाटक चुनाव से पहले बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कांग्रेस का वादा अब कांग्रेस पर ही भारी पड़ रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने उडुपी में कहा, “हमने अपने घोषणापत्र में पीएफआई और बजरंग दल दोनों का उल्लेख किया है। इसमें सभी (कट्टरपंथी) संगठन शामिल हैं। किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। कर्नाटक सरकार बजरंग दल को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है।”
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि पार्टी बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच “दुश्मनी या नफरत” फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ “दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई” करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें आतंकवाद से कथित संबंधों को लेकर कुछ राज्यों में प्रतिबंधित मुस्लिम समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और और बजरंग दल का नाम शामिल था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रस्ताव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरत फैलाने वाले बयान और भाषण देने वालों पर केस दर्ज किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत आया होगा। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार इसको सही तरह से बता पाएंगे।
कहा, “एक राज्य सरकार किसी भी संगठन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है।”
उन्होंने भाजपा से भी कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल की पूजा करती है। उसे याद रखना चाहिए कि स्वर्गीय पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालांकि तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रतिबंध के आदेश को रद्द कर दिया था और कहा था कि किसी भी संगठन को इस तरह प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे लोगों की लोकतांत्रिक भावना को ठेस पहुंचेगी।