बदहाल ब्रिटेन की यह कैसी अय्याशी! इकॉनमी चौपट और राजतिलक पर अरबों होंगे खर्च

नई दिल्ली

ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय का राजतिलक छह मई को होगा। यह 70 साल के इतिहास में देश में इस तरह का पहला आयोजन है। जाहिर है कि इसे भव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस खास मौके के लिए लंदन में वेस्टमिंस्टर एबे को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसके लिए दुनियाभर की करीब 2,000 कई जानी-मानी हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है। आयोजन पर 10 करोड़ पाउंड (करीब 10,21,37,37,500 रुपये) खर्च होने का अनुमान है। ब्रिटेन की इकॉनमी इस समय कई तरह की दिक्कतों से गुजर रही है। ऐसे में राजा की ताजपोशी के लिए भारी-भरकम खर्च पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि यह आयोजन सरकारी खर्च पर नहीं होना चाहिए।

कैंटरबरी के आर्कबिशप छह मई को राजा चार्ल्स का राज्याभिषेक करेंगे। इसके साथ ही लंदन और ब्रिटेन के दूसरे इलाकों में तीन दिन के जश्न की शुरुआत हो जाएगी। ये जश्न आठ मई तक चलेगा। उस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि देश के लाखों लोग इस ऐतिहासिक पल के जश्न में शामिल होंगे। लेकिन ब्रिटेन की खस्ताहाल इकॉनमी को देखते हुए इस खर्चीले आयोजन पर सवाल भी उठ रहे हैं। इस आयोजन पर कुल कितना खर्च आएगा, इस बारे में बकिंघम पैलेस ने कोई डेटा नहीं दिया है।

कौन उठा रहा है खर्च
लेकिन राजा चार्ल्स ने खुद पहल करते हुए इस आयोजन के खर्च को कम करने को कहा है। इस आयोजन में दुनियाभर के करीब 2,000 वीआईपी हिस्सा लेंगे। साल 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी के मौके पर इससे चार गुना ज्यादा मेहमान मौजूद थे। यह कार्यक्रम केवल एक घंटे चलेगा। पहले माना जा रहा था कि यह कई घंटे तक चल सकता है। इसके बावजूद इस आयोजन पर करीब 10 करोड़ पाउंड यानी करीब 12.5 करोड़ डॉलर खर्च आने का अनुमान है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी पर करीब 15 लाख पाउंड का खर्च आया था जो आज के हिसाब से पांच करोड़ पाउंड बैठता है। 1937 में जॉर्ज षष्टम की ताजपोशी पर 4.5 लाख पाउंड का खर्च आया था। यह राशि आज के हिसाब से 2.48 करोड़ पाउंड बैठती है।

इस आयोजन का खर्च ब्रिटेन की सरकार वहन कर रही है। यानी ब्रिटिश टैक्सपेयर की जेब से ही जाएगी। बकिंघम पैलेस भी इसमें कुछ योगदान दे रहा है। हालांकि इसका खुलासा नहीं किया गया है। एक सर्वे के मुताबिक 51 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार को इसका खर्च नहीं उठाना चाहिए। आठ मई को देश में पब्लिक होलिडे की घोषणा की गई है। इससे ब्रिटेन की इकॉनमी पर 1.36 अरब पाउंड की चपत लगने का अनुमान है। अभी यूके की जीडीपी प्री-कोविड लेवल से 0.6 परसेंट नीचे है। ब्रिटेन एकमात्र जी-7 इकॉनमी है जो अब तक कोविड से पूरी तरह नहीं उबर पाई है। एक अनुमान के मुताबिक इस साल ब्रिटेन के मंदी में फंसने की आशंका 75 फीसदी है।

इकॉनमी को सहारा!
देश में महंगाई कई साल के चरम पर है। मार्च में हेडलाइन रेट में 10.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। खाने पीने की चीजों के दाम 45 साल के चरम पर हैं। हालांकि सरकार का तर्क है कि इस आयोजन से इकॉनमी को बड़ा सहारा मिलेगा। खासकर रिटेल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा। कुछ अनुमानों के मुताबिक पब्लिक होलिडे के दिन रिटेल सेल्स में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जाती है। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की संस्था UK Hospitality के मुताबिक राजा चार्ल्स के राज्याभिषेक आयोजन से सेक्टर को 35 करोड़ पाउंड का बूस्ट मिल सकता है।

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