‘डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया टीपू सुल्तान के वंशज, कांग्रेस सत्ता में आई तो कर्नाटक बन जाएगा PFI की घाटी’

नई दिल्ली

10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दल जोर शोर से प्रचार में जुटे हैं। सियासी बयानबाजी का दौर भी जारी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार को लेकर बयान देते हुए कहा है कि वह टीपू सुल्तान के परिवार से आते हैं। उन्होने आगे कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो कर्नाटक PFI की घाटी बन जाएगा। हिमंत बिस्वा सरमा ने विराजपेट विधानसभा क्षेत्र के कोडागु जिले के गोनिकोप्पल में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया है।

‘टीपू सुल्तान की जयंती मनाना है तो पाकिस्तान जाओ’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार टीपू सुल्तान के वशंज हैं, यह टीपू सुल्तान के परिवार के लोग हैं’, उन्होने आगे कहा, ‘मैं असम से आया हूं, मेरे असम में 17 बार मुगलों ने हमारे ऊपर हमला किया था लेकिन वह हमें हरा नहीं पाए थे, आज मैं यहां आकर इस धरती को नमन करता हूं कि आपने भी कई बार टीपू सुल्तान को हराया है’।

असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया पर तीखा हमला करते हुए कहा, ‘सिद्धारमैया जी कहते हैं कि टीपू सुल्तान का जयंती मनाना है, टीपू सुल्तान का जयंती मनाना है तो पाकिस्तान में मनाओ, बांग्लादेश में मनाओ, भारत में यह करने का तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है’।

भाजपा के मुख्यमंत्री ने टीपू सुल्तान को बताया था बेजोड़ नेता
यह बात साल 2012 है जब कर्नाटक में भाजपा की सरकार थी। CM जगदीश शेट्टार थे। तब राज्य की डिपार्टमेंट ऑफ कन्नड़ एन्ड कल्चर ने ‘टीपू सुल्तान – ए क्रूसेडर फॉर चेंज’ नामक एक पुस्तक प्रकाशित की थी। यह किताब टीपू सुल्तान की उपलब्धियों और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ उनकी लड़ाई के बारे में बताती है। किताब के लिए तत्कालीन मुख्यममंत्री जगदीश शेट्टार ने लेखक और विभाग को बधाई भी दी थी। भाजपा नेता और मुख्यमंत्री शेट्टार ने अपने संदेश में लिखा था, …कर्नाटक का आधुनिक इतिहास टीपू सुल्तान द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। उन्हें मैसूर साम्राज्य के शेर के रूप में जाना जाता है। राष्ट्र राज्य की उनकी अवधारणा, राज्य उद्यमिता का उनका विचार, उनका उन्नत सैन्य कौशल, सुधारों के लिए उनका उत्साह, आदि उन्हें अपनी उम्र से बहुत आगे एक अद्वितीय नेता बनाती हैं।

 

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