कश्मीर-कश्मीर… जयशंकर की डांट के बाद भी नहीं सुधरे पाकिस्तान-चीन, अब इस्लामाबाद में मचा रहे शोर

इस्लामाबाद

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की कश्मीर को लेकर दो टूक जवाब के बाद भी पाकिस्तान और चीन सुधरे नहीं हैं। इन दोनों देशों ने गोवा में शंघाई सहयो संगठन की बैठक के बाद अब पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कश्मीर को लेकर जमकर जहर उगला है। पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का राग अलापा और एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। दोनों देशों ने कहा कि कश्मीर की यथास्थिति में परिवर्तन हालात को और गंभीर बना सकते हैं। वहीं, एस जयशंकर ने दो टूक कहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 की वापसी अब इतिहास हो चुकी है।

कश्मीर पर दोनों देशों ने जारी किया बयान
भारत में एससीओ की बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्री क्विन गांग पाकिस्तान दौरे पर गए। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री की पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ इस्लामाबाद में रणनीतिक वार्ता हुई। इसके बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कश्मीर समेत दक्षिण एशिया के कई मुद्दों का जिक्र था। संयुक्त बयान में बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि हम पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर विवाद पर चीन के सैद्धांतिक और न्यायपूर्ण रुख के लिए चीन के दृढ़ समर्थन की गहराई से सराहना करते हैं।

कश्मीर पर क्या बोले दोनों देश
साझा बयान में पाकिस्तानी पक्ष ने जम्मू-कश्मीर में स्थिति के नवीनतम विकास पर चीनी पक्ष को जानकारी दी। वहीं, चीनी पक्ष ने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से छोड़े गए कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार ठीक से और शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों ने किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया जो पहले से ही अस्थिर स्थिति को और जटिल बनाती है।

बिलावल ने चीन की जमकर तारीफ की
बिलावल ने चीन की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि जब पाक-चीन रणनीतिक साझेदारी की बात आती है तो दोनों देशों मे पूर्ण सामंजस्य देखने को मिलता है। मैं महामहिम को आश्वस्त कर सकता हूं कि चीन और महान चीनी राष्ट्र के लिए पाकिस्तान में हर कोई इस भावना को साझा करता है। चीन हमेशा पाकिस्तान पर अपने सबसे भरोसेमंद साथी और भरोसेमंद दोस्त के रूप में भरोसा कर सकता है। चीन के साथ दोस्ती पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला है। उन्होंने सूडान से पाकिस्तानी नागरिकों को निकालने में चीनी सहायता और समर्थन को दोस्ती की हालिया अभिव्यक्ति करार दिया।

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