‘मणिपुर जल रहा है लेकिन PM कर्नाटक में व्यस्त हैं’, राहुल गांधी ने साधा निशाना

नई दिल्ली,

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. राहुल गांधी ने कहा, मणिपुर की आज की स्थिति बीजेपी की नफरत और हिंसा की राजनीति का नतीजा है. राहुल गांधी ने कहा, बीजेपी जहां भी जाती है लोगों को बांटती है और सिर्फ नफरत फैलाती है. उनका काम है, नफरत फैलाना और हमारा काम है लोगों को जोड़ना.

‘नफरत को मोहब्बत से हटाया जा सकता है’
राहुल गांधी ने आगे कहा, जितनी नफरत उनके दिल में है, उससे 10 गुना ज्यादा मोहब्बत हमारे दिल में है. और आप सब जानते हो कि नफरत को नफरत से नहीं हराया जा सकता. नफरत को सिर्फ मोहब्बत से हटाया जा सकता है.

क्या है मणिपुर का मामला?
बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने और आरक्षण को लेकर मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्वोत्तर के इस राज्य में हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर में भड़की हिंसा में 54 लोगों की मौत हो गई थी. अब ये मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है. मणिपुर में मैतेई समुदाय को जनजाति के दर्जे और आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा?
दरअसल, मैतेई समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मैतेई समुदाय की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई थी कि मणिपुर के साल 1949 में भारत का हिस्सा बनने तक समुदाय अनुसूचित जनजाति के तहत आता था लेकिन उसे बाद में इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया.

मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान शेड्यूल ट्राइब डिमांड कमेटी मणिपुर ने केंद्र सरकार के साल 2013 में समुदाय से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक सर्वे के साथ ही एथनोग्राफिक रिपोर्ट्स भी राज्य सरकार से मांगने का दावा किया और कहा कि सूबे की सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया. मणिपुर हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर मैतेई समुदाय की मांग पर विचार करने के लिए कहा था.

हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद बवाल शुरू हुआ. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने 3 मई को आदिवासी एकता मार्च का आह्वान किया. चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकले इस मार्च के दौरान ही आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई और इसके बाद ये आग पूरे सूबे में फैल गई. हालात बद से बदतर होते चले गए और कई जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ ही इंटरनेट, ब्रॉडबैंड बैन करना पड़ा.

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