नेहरू की तारीफ, मुस्लिम समाज को बताया ताकत… इन मुद्दों पर वरुण गांधी ने सरकार को घेरा

पीलीभीत ,

बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में रविवार को दौरे पर थे. इसी क्रम में वो कई इलाकों में पहुंचे और कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की. उन्होंने अपने भाषण में मुस्लिम समाज की सराहना करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज हमारी ताकत है.

भवानीगंज में उन्होंने बंजारा समाज का नाम लेते हुए कहा कि कभी कहीं मेरा बस चले तो इस बहादुर समाज (बंजारा समाज) का सदुपयोग देश निर्माण में करूंगा. मांग करूंगा कि आर्मी में अलग से इस समाज के लोगों के लिए रेजिमेंट बने. यह बहादुर, राष्ट्रभक्त और ईमानदार समाज है. रक्षा मंत्री से निवेदन करूंगा कि वीर बंजारा रेजिमेंट सेना में बनानी चाहिए.

‘मैं भ्रष्टाचार से सख्त नफरत करता हूं’
वरुण ने कहा अगर सरकार आपको कुछ दे रही है तो ये आपका अधिकार है. सरकार अच्छे काम करे तो हम प्रशंसा करेंगे. मैं भ्रष्टाचार से सख्त नफरत करता हूं. कोई अधिकारी आवास के नाम पर आपसे पैसे मांगे तो तुरंत मुझे फोन कीजिए. वरुण ने कहा कि हर मुद्दे पर चर्चा करना हमारा हक है. इस देश के जो मुख्य मुद्दे हैं, उन पर पहले चर्चा होनी चाहिए.

‘लगता है कि वो देश का मालिक बन गया’
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे. उन्होंने मावलंकर जी को लोकसभा अध्यक्ष बनाया. फिर मावलंकर जी का देहांत हो गया. उसके बाद सरदार हुकम सिंह को लोकसभा अध्यक्ष बनाया. हुकुम सिंह अकाली दल के MP थे. अकाली दल के मात्र 4 एमपी थे और कांग्रेस के 350. सिंह ने सदन के पटल पर कहा था कि नेहरू चीटर हैं, लूटर हैं, चोर हैं और झूठे हैं. बावजूद इसके नेहरू ने जब उनके नाम का ऐलान किया. उस समय सब हैरान रह गए. वहीं, आज देश में एक आदमी गांव का पंच बन जाए तो ऐसा लगता है कि वो देश का मालिक बन गया है.

‘कई मुसलमान भाइयों ने मेरा स्वागत किया’
लोगों को संबोधित करते हुए वरुण ने कहा कि विविधता में एकता हमारे देश की पहचान है. अभी जब मैं आपके गांव आ रहा था तो कई मुसलमान भाइयों ने मेरा स्वागत किया. अफसोस की बात है कि वो यहां मौजूद नहीं हैं. उनको मेरा प्रणाम बोल देना.

‘मगर, हुआ क्या, कोई लाभ नहीं मिल पाया’
हमारे देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है संविदा कर्मचारियों का, आशा बहुओं का, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का, शिक्षामित्रों का और रोजगार सेवकों का. इनकी हालत बहुत खस्ता है. जब सरकार आई थी तो कहा था कि हम उनका मानदेय बढ़ाएंगे, स्थायीकरण करेंगे. मगर, हुआ क्या, कोई लाभ नहीं मिल पाया. निवेदन करता हूं कि सरकार इन पर दया करे. इनके भी बच्चे हैं. कब तक ये लोग ऐसा जीवन बसर करेंगे.

 

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