तेजस्वी यादव के खिलाफ जारी हुआ इंक्वायरी ऑर्डर, मानहानि केस में बढ़ीं मुश्किलें

अहमदाबाद

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद में दाखिल किए मानहानि के केस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद 202 के तहत जांच का आदेश दिया। ऐसे में फिलहाल तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नहीं दिख रही है, लेकिन आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ भी सकती है। कोर्ट के इंक्वायरी ऑर्डर में मानहानि आरोपों की पुष्टि की जाएगी। इसके बाद कोर्ट इस केस में कोई फैसला लेगी।

20 मई को अगली सुनवाई
अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में एडीशिनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डी जे परमार ने सुनवाई की और फिर इंक्वायरी का आदेश जारी किया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख निर्धारित की। पिछले महीने की 26 तारीख को अहमदाबाद में रहने वाले पेशे से व्यापारी हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का केस दाखिल किया था। इसमें मेहता ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव ने मार्च महीने के आखिर में विधानसभा परिसर में एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था देश की वर्तमान परिस्थिति में सिर्फ गुजराती ठग हो सकते हैं और उन्हें माफ भी कर दिया जाएगा। मेहता की मांग है कि इससे गुजरात के लोगों की मानहानि हुई है। इसलिए तेजस्वी यादव पर मानहानि का केस चलाया जाए।

क्या होती है 202 की जांच
मानहानि के केस में शिकायतकर्ता द्वारा पेश किए तथ्यों का वेरीफिकेशन और इनकी जांच की जाती है। केस के प्रांरभिक दौर में इन चीजों का किया जाता है। जांच के बाद कोर्ट को लगता है कि शिकायताकर्ता ने जो तथ्य पेश किए हैं। वे सही है और जांच में मानहानि की पुष्टि होती है तो कोर्ट समन करती है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट मानहानि के केस को खारिज भी कर सकती है। राहुल गांधी के खिलाफ सूरत में हुए मानहानि के केस में 202 की जांच नहीं हुई। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि कोर्ट ने बिना कानूनी प्रक्रिया के एक विकृत फैसला दे दिया। जांच भी दो प्रकार की होती कोर्ट इंक्वायरी और पुलिस इंक्वायरी। ज्यादा मामलों में कोर्ट ही इंक्वायरी करता है।

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