रामविलास की भूमिका में होंगे एचडी कुमारस्वामी, कर्नाटक में JDS के हाथ लगेगी सत्ता की चाबी?

कर्नाटक

नमक के बगैर खाना नहीं बन सकता है… कर्नाटक चुनाव के एग्जिट पोल्स पर टिप्पणी में जनता दल सेक्युलर (JDS) के नेता तनवीर अहमद ने यह दिलचस्प बात कही है। उन्होंने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान दावा किया कि कांग्रेस पार्टी हो या भाजपा, किसी को भी कितनी भी सीटें आ जाएं, बिना जेडीएस की मदद के सरकार तो नहीं बन सकती। उनके इस दावे में दम दिखता भी है। ज्यादातर सर्वे में सामने आया है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी को बीजेपी पर बढ़त मिल रही है, लेकिन उसमें अकेले दम पर सत्ता में आने का मद्दा नहीं है। बीजेपी तो पिछड़ रही ही है। ऐसे में जेडीएस की बांछें खिल गई हैं। सत्ता की चाभी मिलने की संभावान मात्र से उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं है। तनवीर अहमद की ‘नमक के बिना खाना’ वाली टिप्पणी इसी खुशी का इजहार है।

जेडीएस को मिल सकता है बड़ा मौका
भारत की चुनावी राजनीति में केंद्र से लेकर राज्यों तक में ‘सत्ता की चाबी’ मिलने का सौभाग्य छोटे-छोटे दलों को मिलता रहा है। इस संदर्भ में स्वर्गीय रामविलास पासवान को याद करना बिल्कुल प्रासंगिक है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ जयप्रकाश नारायण की ‘संपूर्ण क्रांति’ से निकले इस कद्दावर नेता ने वो मुकाम पा लिया था कि केंद्र की करीब-करीब हर सरकार में उनकी पार्टी सहभागी बनती रही और वो खुद मंत्री बनते रहे। गठबंधन राजनीति के दौर में बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए हो या कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए, रामविलास पासवान ने दोनों ही सरकारों में मंत्री पद हासिल किया। पासवान का तो यूं ही जिक्र छिड़ गया, ‘सत्ता की चाबी’ रखने का सौभाग्य देश की जनता ने कई अन्य पार्टियों और नेताओं को भी दिया है। जेडीएस को ही ले लीजिए, जिसे कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सत्ता की चाभी हाथ लग गई थी।

एग्जिट पोल्स में हंग असेंबली के भी आसार
इस बार भी जेडीएस को वही मौका मिलने की काफी उम्मीद है। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ और इंडिया टुडे ने तो अनुमानों में कांग्रेस पार्टी को क्रमशः 113 और 122 से 140 सीटों के साथ अकेले दम पर स्पष्ट बहुमत दिया है। वहीं, जी न्यूज के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को 103 से 118 सीटें मिल सकती हैं। टीवी 9 के सर्वे में भी कांग्रेस को ही बढ़त दिखाई गई है, लेकिन उसे 99 से 109 सीटों तक ही सिमित रखा गया है। एबीपी न्यूज का एग्जिट पोल बताता है कि कांग्रेस पार्टी को 100 से 112 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, न्यूज नेशन और सुवर्ण न्यूज के सर्वे में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है। इन सभी सर्वे का निष्कर्ष निकालें तो त्रिशंकु विधानसभा के आसार को खारिज नहीं किया जा सकता है। वहीं, जेडीएस की स्थिति पर नजर डालें तो उसे अलग-अलग एग्जिट पोल 20 से 40 सीटें मिलने का अनुमान जता रहे हैं। स्वाभाविक है- 100 सीटों के आसपास लटकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए जेडीएस का ही समर्थन लेना होगा।

खाने में नमक बनने की फिराक में जेडीएस
तनवीर अहमद इसीलिए कह रहे हैं, ‘…मैं खुश हूं कि कम से कम आप हमें 24 (सीटें मिलती) दिखा रहे हैं। पिछली बार जब एग्जिट पोल आया था हमें 18 दिखाया था और हम 38 पर आए थे। जैसे नमक के बगैर कोई खाना नहीं बनेगा, हमारे बगैर कोई सरकार भी नहीं बनेगी। ये उम्मीद दिलाता हूं मैं आपको। आप 18 मई को कर्नाटक में आइएगा देवगौड़ा का बर्थडे है… आंकड़ों और सच्चाई में काफी फर्क है। कर्नाटक में सरकार बनेगी तो जेडीएस की तरफ से ही बनेगी।’
मुद्दों की बात करते हुए वो कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात अपने घोषणा पत्र में करके मतदाताओं को भड़का दिया है। अहमद ने कहा कि कर्नाटक में बजरंग दल और बजरंगबली के असर से इनकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बहरहाल, 13 मई की तारीख पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की क्या किस्मत लिखेगी, यह देखना काफी दिलचस्प होगा।

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