‘मैं किसी से बदला नहीं ले रहा, मुद्दों पर लड़ रहा हूं,’ सचिन पायलट ने भरी हुंकार

नई दिल्ली,

राजस्थान की रेत एक बार फिर सियासी सरगर्मियों से तपने लगी है. कांग्रेस नेता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वह पदयात्रा निकाल रहे हैं, इसकी शुरुआत उन्होंने अजमेर से की है. इस दौरान प्रेस वार्ता में सचिन पायलट ने कहा कि, मैं किसी से बदला नहीं ले रहा हूं. मुझे व्यक्तिगत रूप से किसी से कोई समस्या नहीं है. मैं मुद्दों पर लड़ रहा हूं.

मैंने किसी से कुछ नहीं छिपाया: पायलट
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छोटे आरोपियो को पकड़ने से काम नहीं चलेगा. हम कुछ मुद्दों पर लड़े जिसके बाद हम सत्ता में आए. यह महत्वपूर्ण है कि भ्रष्टाचार के उन मुद्दों की जांच की जाए. इसके साथ ही जब उनसे कांग्रेस छोड़ने के बाबत पूछा गया तो, इन अटकलों पर सचिन ने कहा कि, मैंने किसी से कुछ नहीं छुपाया है. मैंने जो भी किया है खुलकर किया है. वहीं, पवन खेड़ा पर पायलट ने कहा कि, अगर किसी को युवाओं के भविष्य के बारे में बात करना मजाक लगता है तो यह शर्म की बात है. मेरा समर्थन करने वालों को निशाना बनाया जा सकता है लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है.

2018 से गहलोत से खींचतान
बता दें कि, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अजमेर दौरे के लिए यहां पहुंचे थे. वह अजमेर से जयपुर तक अपनी पांच दिवसीय जनसंघर्ष पदयात्रा की शुरुआत कर दी है. उनकी इस पांच दिवसीय पदयात्रा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही राजनीतिक तनातनी के अंत के तौर पर देखा जा रहा है. पायलट और गहलोत के बीच संबंध पहले से ही खटास भरे रहे हैं. दोनों के बीच 2018 से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान रही है. दोनों ही नेता कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए भी नजर आए.

अशोक गहलोत पर की थी ये टिप्पणी
सचिन पायलट ने जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें लगता है कि अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं. उनका यह बयान गहलोत की उस टिप्पणी के बाद आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वसुंधरा बीजेपी के उन तीन विधायकों में से एक थी, जिन्होंने उनकी सरकार को बचाया था. इसके बाद सचिन पायलट ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि सोनिया गांधी गहलोत की नेता नहीं है. यह स्पष्ट है कि वसुंधरा राजे गहलोत की नेता हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं और मेरे सहकर्मी नेतृत्व बदलना चाहते हैं. हमने इस संबंध में अपनी इच्छा जता दी है. एक समिति का गठन किया गया था. दिवंगत नेता अहमद पटेल भी इस समिति का हिस्सा थे.

 

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