बैंकों में लावारिस पड़े हैं हजारों करोड़, RBI के ‘100 डेज 100 पे’ से होगा निपटारा

नई दिल्ली,

देश के बैंकों में लावारिस पड़े हजारों करोड़ रुपये की जानकारी हासिल करने और उनके निपटारे के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने ‘100 दिन 100 पे’ का अभियान का शुरू किया है. इसके तहत 100 दिनों के भीतर भारत के हर एक जिले में हर एक बैंक में जमा 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट रकम का पता लगाकर उनका निपटारा किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने अपने इस अभियान के बारे में कहा है कि इस तरह से बैकिंग सिस्टम में जमा लावारिस रकम की मात्रा को कम किया जा सकेगा और डिपॉजिट को उनके सही मालिकों और दावेदारों तक पहुंचाया जा सकेगा.

कितना है अनक्लेम्ड डिपॉजिट?
बता दें कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट उन्हें कहा जाता है, जिसे 10 साल या उससे भी अधिक समय से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं किया गया हो. बैंकिंग सिस्टम में इसे इनएक्टिव डिपॉजिट माना जाता है. पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों (PSB’s) ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपये की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी. यह राशि उन खातों में जमा थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ. ये रकम अलग अलग बैंकों के 10.24 करोड़ खातों से संबंधित थी.

रिजर्व बैंक को बताते हैं बैंक
बिना दावे वाली इस रकम को लेकर जो प्रक्रिया है, उसके तहत जिन अकाउंट में जमा राशि का कोई दावेदार नहीं होता, तो बैंकों की ओर से आरबीआई को इसकी जानकारी दी जाती है. इसके बाद ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस तरह के डिपॉजिट्स को लेकर RBI अवेयरनेस कैंपेन चलाता रहता है, जिससे इसके कानूनी हकदारों का पता लगाया जा सके.

क्यों बढ़ते हैं अनक्लेम्ड डिपॉजिट?
इस तरह के अनक्लेम्ड डिपॉजिट बढ़ने के कई कारण भी हैं. इनमें से कुछ का जिक्र करें तो डिपॉजिटर की मौत हो गई है और उसका नॉमिनी दस्तावेजों में दर्ज न होने से उस अकाउंट में जमा रकम का कोई दावेदार नहीं मिलता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) की बैठक में इसे लेकर विशेष अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 35,000 करोड़ रुपये की इस बिना दावे की रकम को लेकर रेगुलेटर्स से कहा था कि वे बैंकिंग शेयर, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड या या इंश्योरेंस के रूप में जहां भी पड़ी है, उसके सेटलमेंट के लिए विशेष अभियान संचालित करें. रिजर्व बैंक ने अब अनक्लेम्ड राशि के निपटारे के लिए प्लान तैयार कर लिया है.

 

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