कोटा
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के विरुद्ध राजस्थान में पुलिस केस होगा। कोटा कोर्ट ने ‘मोदी को खत्म करो’ वाले रंधावा के भाषण पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये आदेश महावीर नगर थाना पुलिस को दिया है। कोर्ट रंधावा के भाषण को लेकर सख्त नजर आ रही हैं। बीजेपी नेता मदन दिलावर के परिवाद पर सुनवाई करते कोर्ट ने कहा कि ‘रंधावा ने जो भाषण जयपुर में दिया है, उसका प्रभाव कोटा के साथ साथ देशभर में हैं।’ बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और कोटा रामगंजमंडी विधानसभा के विधायक मदन दिलावर की ओर से कोर्ट में पैरवी करने वाले वकील मनोज पुरी ने एनबीटी डॉट कॉम को बताया कि कोर्ट के आदेश का पालना करते हुए पुलिस ने रंधावा के खिलाफ धारा 195 A, 195 B, 295-A, 124-A, 504, 506 और 511 IPC में केस दर्ज होगा।
13 मार्च 2023 को जयपुर में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिया था भाषण
एडवोकेट मनोज पुरी ने कहा कि 13 मार्च 2023 को जयपुर में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भाषण दिया था, इसमें उन्होंने कहा था कि ‘अडानी को मानने से कुछ नहीं मिलेगा। मोदी को खत्म करो। मोदी खत्म हो गया तो देश बच जाएगा। अगर मोदी रहा तो देश बर्बाद हो जाएगा।’ इस मामले को लेकर बीजेपी नेता मदन दिलावर ने कोटा शहर के महावीर नगर थाने में रंधावा के खिलाफ केस दर्ज करवाने को शिकायत दी थी। पुलिस ने दिलावर की शिकायत पर केस दर्ज नहीं किया। इस पर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था।
रंधावा की स्पीच को कोर्ट ने माना दंडनीय अपराध: वकील
एडवोकेट मनोज पुरी ने कहा कि रंधावा ने भीड़ के बीच में देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ हेट स्पीच दी। उनकी स्पीच को कोर्ट ने पीएम मोदी के विरुद्ध लोगों को भड़काने, उनकी हत्या करने के लिए प्रेरित करने, राष्ट्र की एकता अखंडता को भंग करने, हिंसा भड़काने का प्रयास माना। ये आईपीसी की धारा 153 बी, 124-ए, 295-ए, 504, 506, 504 के तहत दंडनीय अपराध है। फिर भी मदन दिलावर की ओर से शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।
रंधावा के खिलाफ 3 मई को दायर किया था परिवाद
वकील मनोज पुरी ने कहा कि 3 मई को कोर्ट में परिवाद पेश किया था। 10 मई को कोर्ट ने कोटा सिटी एसपी से रिपोर्ट मांगी। एसपी की रिपोर्ट में बताया गया कि रंधावा ने भाषण जयपुर में दिया था। कोटा में केस नहीं बनता है। इसलिए कोटा में केस दर्ज नहीं किया गया। कोर्ट ने बहस सुनने के बाद कहा कि जो भाषण जयपुर में दिया गया था, उसका प्रभाव कोटा के अलावा पूरे देश में भी है। फौजदारी मामले में जिस अपराध का परिणाम अगर कहीं और भी निकलता है तो वहां पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश पुलिस को दिया है।