नई दिल्ली,
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सिविल सर्विस बोर्ड के कामकाज को लेकर आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव, बोर्ड के दोनों अधिकारियों की फिजिकल बैठक ना बुलाएं बल्कि उनसे फाइल पर राय मांगे. सौरभ भारद्वाज ने आशंका जताई कि मुख्य सचिव दोनों अधिकारियों से सीनियर हैं, इसलिए उनके फैसलों पर असर डाल सकते हैं. इसलिए किसी भी ट्रांसफर और पोस्टिंग की फाइल पहले सर्विसेज सेक्रेटरी बनाएंगे और उन्हें बारी-बारी से सिविल सर्विसेज बोर्ड के दो अन्य अधिकारियों को भेजा जाएगा.
‘फाइल पर लिखित राय ली जाए’
मंत्री ने कहा कि जो नाम सेक्रेटरी सर्विसेज तय करेंगे, उन नामों में मुख्य सचिव दबाव ना डालें. बीते दिन मुख्य सचिव ने सिविल सर्विसेज बोर्ड की पहली बैठक बुलाई है उससे पहले यह आदेश नया विवाद पैदा कर सकता है. क्योंकि मंत्री ने कहा है कि बैठक की बजाय फाइल पर लिखित राय ली जाए. आमने-सामने बैठकर फैसला करने में मुख्य सचिव दबाव डाल सकते हैं.
कुछ दिन पहले आया था SC का अहम फैसला
इससे कुछ दिनों पहले केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला दिया था कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास ही रहेगा. इसके बाद केजरीवाल सरकार अब एक्शन में आई और सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के सचिव बदल दिया. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सेवा सचिव बदलने के आदेश जारी किए. इसमें आशीष मोरे को सर्विसेज सचिव पद से हटाया गया.