हैलो! मैं LG बोल रहा हूं… कुलपति से खुद की छुट्टी मंजूर करवाने से लेकर नियुक्ति तक करवाई

नई दिल्ली

गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ (GGSIP) विश्वविद्यालय के एक एसिस्टेंट प्रोफेसर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रफेसर खुद को उपराज्यपाल वीके सक्सेना बताता था और कॉल करता था। उसने वी.के. सक्सेना बनकर अंग्रेजी विभाग में एक विशेष उम्मीदवार की नियुक्ति के लिए सितंबर 2022 में कुलपति को फोन किया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी रोहित सिंह को 15 मई को ब्रिटेन से लौटने के बाद दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। एलजी की आड़ में वीसी को उनके लैंडलाइन पर फोन करने के बाद उसने अपनी छुट्टी मंजूर करा ली थी। पुलिस के अनुसार, रोहित ने स्वीकार किया है कि उसने एलजी के रूप में कुलपति को लैंडलाइन पर दो बार फोन किया।

वीके सक्सेना बनकर मंजूर करा ली छुट्टी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, पहले उन्होंने अपनी छुट्टी मंजूर करा ली और फिर 30 सितंबर को एलजी बनकर कुलपति को फोन किया। ऐसा इसलिए जिससे, उनकी बहन को अंग्रेजी विभाग में फैकल्टी के रूप में चयनित किया जा सके। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने 2 नवंबर 2022 को द्वारका नॉर्थ थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से उपराज्यपाल बनकर कुलपति डॉ. महेश वर्मा को कॉल किए जाने के संबंध में शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की थी।

ब्रिटेन से लौटा और दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार
एलजी कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, कॉल की सत्यता का पता लगाने के लिए वाइस चांसलर ने एलजी के सचिवालय से संपर्क किया था, जिसने इस तरह की कोई कॉल करने से इनकार किया और मामले को तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करने के लिए कहा। अधिकारी ने कहा, ब्रिटेन से लौटने पर रोहित सिंह को आईजीआई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था और एक अदालत के समक्ष पेश किया गया था जिसने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया था। उसकी पुलिस हिरासत की समाप्ति पर उसे अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर लंबित था।

एलजी का सख्त आदेश
अधिकारी के अनुसार, एलजी ने प्रतिरूपण के इस मामले में बेहद गंभीर रुख अपनाया था और इस बात पर जोर दिया था कि अनुचित लाभ पहुंचाने, पक्षपात या अनैतिक व्यवहार के लिए किसी को फोन करने या ऐसे किसी अनुरोध को स्वीकार करना उनके काम करने का तरीका नहीं है। उपराज्यपाल ने सभी संबंधितों को आगाह किया है कि ऐसे किसी कॉल या संदेश की जांच वे उनके सचिवालय से सख्ती के साथ करें जिनमें उनके नाम का उपयोग किया जा रहा है।

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