मोदी के तरकश के तीर से QUAD ने किया पुतिन पर वार, याद दिलाई उनकी एक बात

हिरोशिमा

जापान का हिरोशिमा दुनिया की वह जगह है जिसने सबसे पहले परमाणु हमला झेला। इस शहर में क्‍वाड सम्‍मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्‍मेलन जापान, अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत के राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने हिस्‍सा लिया। सम्‍मेलन के बाद जो साझा बयान जारी हुआ उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक टिप्‍पणी का खास जिक्र था। क्‍वाड सदस्‍यों ने रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को पीएम मोदी की वह बात याद दिलाई जिसमें उन्‍होंने कहा था, ‘यह युद्ध का दौर’ नहीं है। इस बात का जिक्र तब हुआ जब पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की से मुलाकात की थी। जंग शुरू होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी।

‘यह युद्ध का दौर नहीं है’
क्‍वाड के साझा बयान में पीएम मोदी की उस टिप्‍पणी को खासतौर पर दोहराया गया है जो उन्‍होंने उज्‍बेकिस्‍तान के समरकंद में की थी। राष्‍ट्रपति पुतिन के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात में पीएम मोदी ने उनसे कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है। दोनों नेता समरकंद में आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन सम्‍मेलन (एससीओ) से इतर मिले थे। क्‍वाड के बयान में कहा गया है, ‘ हम मानते हैं कि हमारा दौर युद्ध का नहीं होना चाहिए, हम बातचीत और कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम संयुक्त राष्‍ट्र चार्टर के तहत ही एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति का समर्थन करते हैं। इसलिए ही हम इस बात से सहमत हैं कि परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी गंभीर और हरगिज स्‍वीकार नहीं की जाएगी।’ क्‍वाड के नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने से लेकर कई और मुद्दों पर चर्चा की।

समरकंद में पीएम मोदी का बड़ा बयान
समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में पुतिन और मोदी ने पहली बार मुलाकात की थी। फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के बाद दोनों नेता पहली बार वार्ता के लिए बैठे थे। पीएम मोदी ने इस दौरान पुतिन से कहा ‘युद्ध का युग’ खत्‍म हो चुका है। समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की टिप्‍पणी ने सार्वजनिक रूप से यूक्रेन के खिलाफ रूस की तरफ से शुरू हुई जंग पर भारत की चिंता की तरफ संकेत दिया था। लेकिन भारत ने अभी तक जंग पर रूस की आलोचना नहीं की है। मोदी ने पुतिन के साथ मीटिंग में कहा था, ‘मैं जानता हूं कि आज का यह दौर युद्ध का नहीं है। हमने इस मुद्दे पर आपके साथ कई बार फोन पर चर्चा की है कि लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद पूरी दुनिया के मसलों को सुलझा सकते हैं।’

आतंकवाद की भी निंदा
क्‍वाड के साझा बयान में 26/11 के हमलों का भी जिक्र किया गया है। क्‍वाड ने सीमा पार आतंकवाद, मुंबई में 26/11 के हमलों के साथ ही पठानकोट आतंकी हमले की भी निंदा की थी। क्‍वाड के साझा बयान में कहा गया है, ‘हम इस तरह के आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मुंबई मे 26/11 और पठानकोट में आतंकी हमले की निंदा करते हैं और आगे बढ़ने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।’

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