केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को मिला ममता का साथ, अध्यादेश पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया: कांग्रेस

कोलकाता,

दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला गरमा गया है. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे. उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मंत्री आतिशी सिंह भी थीं. AAP नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, उसके बाद केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. वहीं, कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से किनारा कर लिया है.

बता दें कि केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ बनाने का अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है. हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा. दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था. इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था.

‘ईगो की एक लिमिट होती है: ममता’
ममता बनर्जी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं. हम मिलकर बीजेपी को राज्यसभा में हरा सकते हैं. उन्होंने कहा, ईगो की एक लिमिट होती है. जो भी मर्जी में आए, वो कर सकते हैं? हम लोगों को अब इस बात की चिंता है कि संविधान ही ना बदल दिया जाए. देश का नाम ना बदल लें. देश का नाम भी अपनी पार्टी के नाम पर कर देंगे. और नाम पर कर देंगे. ऐसा नहीं चल सकता है. आज भी हम यह बात नहीं समझे तो दुनिया के लोग हमें क्षमा नहीं करेंगे.

‘यह एजेंसी की सरकार बन गई है’
ममता ने आगे कहा, आज मणिपुर में हर रोज खून बह रहा है. लेकिन, उस पार्टी के किसी को फुर्सत नहीं मिली कि वहां जाकर लोगों से मिलें. आज भी लोग बाहर नहीं निकल सकते हैं. बीजेपी के लोग रास्ते में खड़े होकर बोलते हैं कि कल इसके घर में ईडी जाएगी. उसके घर में एनआईए छापा मारेगी. कल इसको अरेस्ट किया जाएगा. कैसे बीजेपी के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी होती है. तब ये कैसी सरकार है? मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं. यह सरकार ‘एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए’ बन गई है.

‘सिर्फ सुप्रीम कोर्ट देश को बचा सकता है’
ममता का कहना था कि हम SC का सम्मान करते हैं और केवल SC ही इस देश को बचा सकता है. SC के फैसले के बावजूद केंद्र अध्यादेश लाया. मैं सभी पार्टियों से अपील करना चाहती हूं कि लोकसभा से पहले बीजेपी को हराने के लिए साथ आएं. यह एक बड़ा अवसर है. हमारी पार्टी राज्यसभा में इसका विरोध करेगी.

‘ममता दीदी मेरी बड़ी बहन जैसी हैं: केजरीवाल’
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मेरी सरकार बनते ही केंद्र ने हमारी सारी ताकत छीन ली. हमने 8 साल तक लड़ाई लड़ी और आखिरकार हम SC में जीत गए, लेकिन अब वे अब अध्यादेश ले आए हैं. उन्होंने लोकतंत्र को मजाक बना दिया है. जहां भी उनकी (बीजेपी) सरकार नहीं है, वे विधायक खरीदते हैं या सरकार को डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं या वे सरकार को परेशान करने के लिए राज्यपाल के कार्यालय का उपयोग करते हैं. अगर हम उन्हें राज्यसभा में हरा सकते हैं तो यह लोकसभा से पहले सेमीफाइनल होगा.

‘अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए’
केजरीवाल ने कहा, हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं. दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है. देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए. मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में इन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी. राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा.

‘तो दिल्ली के लोगों ने वोट किसे दिया?’
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, अगर 30 गवर्नर और पीएम को देश चलाना है तो चुनाव कराने का क्या फायदा. अगर एलजी का मतलब सरकार है तो दिल्ली के लोगों ने वोट किसको दिया?

अध्यादेश पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया: कांग्रेस
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस पार्टी ने अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली सरकार की एनसीटी की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है. यह अपनी राज्य इकाइयों और अन्य समान विचारधारा वाले दलों से परामर्श करेगी.

‘AAP भ्रष्ट पार्टी, कांग्रेस के साथ बैठने लायक नहीं’
दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर कांग्रेस को आप का समर्थन करना चाहिए या नहीं, इस पर कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है. पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने कहा, आप तो भ्रष्ट पार्टी है. इनके साथ खड़े होंगे तो वो दिल्ली की जनता के साथ धोखा होगा. इनको तो तुरंत दिल्ली से बाहर कर देना चाहिए. ये लोग इतने भ्रष्ट हैं. ये लायक ही नहीं है कांग्रेस के साथ बैठने के लिए. ये आदमी केजरीवाल सिर्फ भ्रष्टाचार करने के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार चाहते हैं खुद के पास.

‘क्या सिर्फ केजरीवाल ही सही हैं?’
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, 1952 से और उसके बाद दिल्ली सरकार के पास ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार नहीं है. जब लाल बहादुर शास्त्री सत्ता में थे तब उन्होंने सभी ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकारों को केंद्र सरकार के पास ट्रांसफर कर दिया था. हर पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा और किया है. उन्होंने हमेशा सत्ता को केंद्र में ट्रांसफर किया है. क्या हर कोई गलत है और केवल अरविंद केजरीवाल ही सही हैं. अब उन्हें (आप नेताओं को) अपने ही बातों में फंसने का डर सता रहा है.

‘जो स्वार्थी हैं, कांग्रेस उनका समर्थन नहीं करेगी’
माकन ने आगे कहा, उन्होंने हमेशा भाजपा के गलत कामों का समर्थन किया है और अब वे हमें उनका समर्थन करने के लिए कह रहे हैं. कांग्रेस उनका समर्थन नहीं करेगी जो स्वार्थी हैं और जो केवल अपने बारे में सोचते हैं. हर कोई कहता है कि इस तरह की पार्टी पर भरोसा नहीं करना चाहिए, जिसने हमारे पूर्व नेता राजीव गांधी की आलोचना की थी.

‘खालिस्तानी समर्थकों की बात करता है एक व्यक्ति’
उन्होंने कहा, वे कांग्रेस का समर्थन कैसे मांग रहे हैं? उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) भाजपा के समर्थन से राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाजपा का समर्थन किया. उन्होंने जस्टिस दीपक मिश्रा के महाभियोग के दौरान बीजेपी का समर्थन किया था. एक व्यक्ति जो देश के बारे में नहीं सोचता, खालिस्तानी समर्थकों से बात करता है.

पवार और उद्धव से भी मिल सकते हैं केजरीवाल
बताते चलें कि इस विवाद को आप ने राजनीतिक हथियार बना लिया है और विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाना शुरू कर दिया. AAP नेताओं के शाम तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद है. बुधवार को वे शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर सकते हैं. केजरीवाल ने इससे पहले अध्यादेश के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. नीतीश ने इस मामले में आप को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया है.

देशभर में यात्रा करने निकले हैं केजरीवाल
इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया और कहा- आज मैं दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए देशभर में अपनी यात्रा शुरू कर रहा हूं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जनता को न्याय दिलाने वाला फैसला सुनाया है. केंद्र ने अध्यादेश लाकर उन अधिकारों को छीन लिया. जब यह राज्यसभा में आएगा तो यह सुनिश्चित करना होगा कि यह अध्यादेश पारित ना हो सके. मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलूंगा और समर्थन मांगूंगा. आम आदमी पार्टी (आप) ने भी काले अध्यादेश के खिलाफ 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महा रैली’ करने का ऐलान किया है.

 

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