नए संसद भवन के उद्घाटन पर रार! नीतीश-अखिलेश के मिले सुर, रामदेव ने दी सलाह

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले शनिवार (27 मई) को कई नेताओं के बयान सामने आए। किसी ने नई संसद भवन के लिए पीएम मोदी की सराहना की तो किसी ने तंज कसा। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले केंद्र की मोदी सरकार पर करारा हमला बोला। नीतीश कुमार ने कहा, ‘पुराना इतिहात बदल देंगे? क्या जो इतिहास है आप उसे भुला देंगे? इन्हें(BJP) इतिहास बदलना है इसलिए हर चीज बदल रहे हैं। कुमार ने कहा कि आखिरकार नया(नया संसद भवन) बनाने की ज़रूरत क्या थी।’

नीतीश कुमार ने कहा कि जब शुरू में ही बात हो रही थी कि नया संसद भवन बन रहा है। उसी वक्त मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। मेरे मन में ख्याल आ रहा था कि आखिर इसको बनाने की जरूरत क्या थी? कुमार ने कि पुराने संसद भवन को और अधिक विकसित कर देना चाहिए था। उसको बनाने का कोई मतलब नहीं था। बिहार के मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या पुरान इतिहास ही बदल देंगे। बिहार के मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मैं एक बार फिर कह रहा हूं कि जो लोग आज शासन में हैं। यह लोग सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे।

बीजेपी का कार्यक्रम में जाने से क्या फायदा: अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी नई संसद को लेकर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव ने कहा, ‘नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए। जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें। उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा?

विपक्ष करे पुनर्विचार: रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, ‘कल संसद के नए भवन का उद्घाटन होने जा रहा है। जो लोग कल संसद का घेराव करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और जिन विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि हमारे पहलवान इस बात को समझेंगे और कल संसद की ओर नहीं बढ़ेंगे।

मैं इस विवाद के खिलाफ हूं: गुलाम नबी आजाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, ‘अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के ख़िलाफ़ हूं। राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं।

लोकतंत्र का मंदिर है, सभी शामिल हों: एकनाथ शिंदे
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है सभी को इसमें सामिल होना चाहिए, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें जान बूझकर बाधा पैदा करनी है। उन्होंने कहा कि देश की जनता समझदार है, जिन्हें समस्या हो रही है उनका इलाज जनता ही करेगी। वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए 21 अधीनम चेन्नई हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।

 

About bheldn

Check Also

अब NO राजनीति! दरभंगा AIIMS पर दिल्ली से आई गुड न्यूज, ताजा अपडेट जान लीजिए

दरभंगा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दरभंगा के शोभन बाइपास वाली जमीन को एम्स निर्माण के …