‘वीर सावरकर सेतु’ के नाम से जाना जाएगा बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक, सीएम शिंदे का बड़ा ऐलान

नई दिल्ली,

महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को सावरकर जयंती के मौके पर बड़ा ऐलान किया है. सीएम एकनाथ शिंदे ने घोषणा करते हुए कहा, बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नाम वीर सावरकर के नाम पर होगा. इसे अब ‘वीर सावरकर सेतु’ के नाम से जाना जाएगा. बता दें कि रविवार 28 मई को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की 140वीं जयंती मनाई गई है.

पहले ही हो रही थी नाम बदलने की बात
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा ऐलान करते हुए बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नाम बदल दिया है. जानकारी के मुताबिक, बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक को वीर सावरकर सेतु के नाम से जाना जाएगा. सामने आया है कि लंबे समय से इसकी चर्चा चल रही थी, पहले ही कहा जा रहा था कि राज्य सरकार बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक का नाम बदलेगी. ऐसे में अब वीर सावरकर जयंती पर ही इस सी-लिंक का नया नामकरण कर दिया गया है.

सावरकर जयंती पर ही हुआ नए संसद भवन का उद्घाटन
बता दें कि इसके पहले रविवार को ही पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया है. इसका ऐलान पहले ही किया गया था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीते बृहस्पतिवार को नए संसद भवन को “नए भारत का प्रतीक” बताया था और कहा था कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि इस ढांचे का उद्घाटन 28 मई को हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर की जयंती पर किया जाएगा. पार्टी ने विपक्षी दलों से भी आग्रह किया था कि वे राजनीतिक मतभेदों को एक तरफ रखकर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के बजाय इसमें शामिल हों.

शिंदे ने निकाली थी सावरकर गौरव यात्रा
राष्ट्रीय राजनीति के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में भी सावरकर महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, बल्कि इतना कि इससे सत्ता की चूलें हिलाई जा सकती हैं. बीते दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयानों से देशभर में बवाल मचा था, जिसका असर महाराष्ट्र की राजनीति में भी दिखा था. राहुल गांधी के बयान के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि वह सावरकर गौरव यात्रा निकालेंगे. इसकी शुरुआत अप्रैल में ठाणे से की गई थी. सीएम शिंदे ने ऐलान किया था कि इस यात्रा का आयोजन प्रदेश की 288 सीटों में किया जाएगा. इसे पूरे राज्य में आयोजित किया गया.

शरद पवार ने राहुल गांधी को दी थी चुप्पी की सलाह
उधर, राहुल गांधी के दिए बयान के बाद स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद छिड़ गया था. एक तरफ बीजेपी राहुल गांधी पर बार-बार सावरकर का “अपमान” करने का आरोप लगा रही थी तो वहीं इसको लेकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में भी आपसी विवाद शुरू हो गया था. जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने मध्यस्थता करते हुए राहुल गांधी को चुप्पी की सलाह दी थी. इस बीच शरद पवार ने कहा था कि सावरकर के देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए बलिदान को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है, लेकिन उनके बारे में असहमति को आज एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि ध्यान केंद्रित करने के लिए कई अहम मुद्दे हैं.

 

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