नई संसद के उद्घाटन के दिन भी नेहरू vs मोदी, देखिए बीजेपी और कांग्रेस में कैसे मची होड़

नई दिल्‍ली

मौका था संसद के नए भवन के उद्घाटन का। कांग्रेस समेत 20 से ज्यादा विपक्षी दल पहले ही बहिष्कार का ऐलान कर चुके थे। खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। फिर कांग्रेस ने यह तोहमत लगा दी कि इस आयोजन के लिए मोदी अपना सियासी कद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से बड़ा करना चाहते हैं। कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से रविवार दोपहर एक फोटो ट्वीट की गई। इसमें विशालकाय नेहरू के पैरों में मोदी को दिखाया गया। यह भी कि दर्शाया कि मोदी ऊपर देख रहे हैं। कैप्शन लिखा, ‘कितनी भी कोशिश कर लो’। सवा घंटे के भीतर बीजेपी की तरफ से जवाब आ गया। नेहरू इसमें भी थे पर मोदी नहीं। बीजेपी ने दिखाया कि नेहरू का कद असल में उतना बड़ा नहीं था जितना ‘रील’ लाइफ में बना दिया गया। बीजेपी ने इसपर कैप्शन दिया, ‘नेहरू का सच….’ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नई संसद के उद्घाटन को अपना राज्याभिषेक समझ लिया है।

आज के दिन भी नेहरू vs मोदी
जब से यह ऐलान हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे, विपक्ष ने मुंह बना लिया। खासकर कांग्रेस ने इसकी खूब मुखालफत की। केंद्र सरकार ने नई संसद में सत्ता हस्तांतरण के ऐतिहासिक प्रतीक ‘सेंगोल’ को नई संसद में स्थापित करने की घोषणा कर दी। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने आगे आकर बताया कि 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन ने यही सेंगोल जवाहरलाल नेहरू को देकर भारत की सत्ता सौंपी थी। यह अंग्रेजों से भारतीयों के हाथ में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना। हालांकि, बाद में सेंगोल को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के आनंद भवन में रखवा दिया गया। वहां इसका विवरण था, जवाहरलाल नेहरू को भेंट मिली छड़ी। बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सेंगोल को भुला दिया, उसका सम्मान नहीं किया। बार-बार नेहरू का नाम लिया गया तो कांग्रेस का बिदकना स्वाभाविक था। नई संसद के उद्घाटन के दिन नेहरू बनाम मोदी हो ही गया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद को लोगों की आवाज बताया। उन्‍होंने मोदी के हाथों नए संसद भवन के उद्घाटन पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘संसद लोगों की आवाज है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।’

कई विपक्षी दलों ने किया उद्घाटन समारोह का बायकॉट
कांग्रेस समेत 20 से ज्‍यादा विपक्षी दलों ने इस समारोह का बायकॉट किया। उन्‍होंने बीजेपी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने का आरोप लगाया। इसे देश के पहले आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान बताते हुए नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया।

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