जयपुर
राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी पर एक बार फिर आलाकमान ने विराम लगाने की कोशिश की है। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बंद कमरे में 4 घंटे लंबी वार्ता हुई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस मैराथन बैठक में दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने में सफल रहे। बंद कमरे से बाहर निकले तो गहलोत और पायलट के चेहरों पर सिर्फ मुस्कान थी। उन्होंने न कोई बयान दिया, न कोई इशारा। मैराथन बैठक में क्या हुआ? किस फॉमूले पर गहलोत और पायलट के बीच सुलह हुई? सुलह होने के बाद भी वो चुप्पी क्यों साधे रहे? राजस्थान कांग्रेस के कार्यकर्ता ऐसे तमाम सवालों के जवाब नहीं तलाशते रहे लेकिन जवाब में दोनों नेताओं की तरफ से सिर्फ मुस्कान ही नजर आई।
आलाकमान ने 9वीं बार कराई दोनों नेताओं में सुलह
2018 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से राजस्थान कांग्रेस के इन दोनों नेताओं में अदावत जारी रही। अब तक 9 बार आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह करवा चुका है। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्षा राजेंद्र राठौड़ ने इसे लेकर कहा है कि नौवीं बार दोनों नेता वही भंगिमा में नजर आए हैं, ‘मैं तो वही खिलौना लूंगा, चलल गया दीना का लाल’। वही आलाकमान और वही किरदार। हर बार कि तरह इसबार भी नतीजा शून्य ही रहेगा। वजह साफ है इन दोनों नेताओं के मनभेद का इलाज नहीं है।
वेणुगोपाल ने कहा, साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
दिल्ली में मैराथम बैठक के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हुए हैं। उनके बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा। वेणुगोपाल ने यह भी बताया कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं। हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव और उस फॉर्मूले का कोई जिक्र नहीं किया जिस पर दोनों नेता सहमत हुए हैं।