मणिपुर हिंसा का 15 दिन में निकलेगा समाधान, शांति भंग करने वालों की खैर नहीं… अमित शाह ने दिए निर्देश

इंफाल/चुराचांदपुर

मणिपुर में शांति बहाली के अपने प्रयासों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को विभिन्न मेइती और कुकी समूहों से मुलाकात की। उन्होंने शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वे संकटग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम करेंगे। शाह ने इंफाल में पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान शाह ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मणिपुर में शांति और समृद्धि है और सुरक्षा अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया गया है।

शाह ने दिन में इंफाल में विभिन्न मेइती समूहों, महिला समूहों और प्रमुख शख्सियतों से मुलाकात की और बाद में जिला मुख्यालय रवाना हुए। उन्होंने स्वदेशी जनजातीय नेताओं के फोरम (आईटीएलएफ), कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और अन्य नागरिक समाज संगठनों जैसे विभिन्न समूहों के साथ तीन दौर की बातचीत की। उन्होंने बीजेपी के पांच कुकी विधायकों से भी मुलाकात की।

सीबीआई को सौंपी जाएगी जांच
आईटीएलएफ के सचिव मुआन टॉम्बिंग ने बताया, ‘हमने मणिपुर से पूर्ण अलगाव की मांग की – राजनीतिक और भौगोलिक दोनों। हमने राष्ट्रपति शासन की भी मांग की क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।’ उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने कुकी समाज से आम लोगों की सुरक्षा के लिए और सुरक्षा कर्मियों को भेजने के आश्वासन के साथ अगले 15 दिनों तक शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।

यह पूछे जाने पर कि शाह ने ‘सिर्फ 15 दिनों’ का उल्लेख क्यों किया, टॉम्बिंग ने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया कि लंबे समय तक चली इस झड़प के कारणों का पता लगाने के लिए सीबीआई को विस्तृत जांच का जिम्मा सौंपा जाएगा। साथ ही न्यायिक जांच की भी घोषणा की जाएगी।’

मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान
इससे पहले दिन में केंद्र और मणिपुर सरकार ने राज्य में जातीय संघर्ष के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। दंगे में मारे गए व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुआवजे की राशि केंद्र और राज्य सरकार बराबर-बराबर वहन करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के बीच सोमवार रात को मंत्रिपरिषद की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।

इस बैठक में यह सुनिश्चित करने का भी फैसला किया गया कि बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पेट्रोल, एलपीजी गैस, चावल और अन्य खाद्य सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुएं अधिक मात्रा में उपलब्ध कराई जाएंगी।

तीन मई से आग में जल रहा मणिपुर
शाह ने इंफाल में मेइती महिला नेताओं (मीरा पैबी) के एक समूह के साथ एक बैठक से अपने दिन की शुरुआत की और बाद में प्रमुख नागरिकों और नागरिक समाज समूह के साथ बैठकें कीं। गृह मंत्री ने कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले की भी यात्रा की, जहां उन्होंने प्रमुख व्यक्तियों और नागरिक संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं। मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है। कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई। अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।

मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद मणिपुर में पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया था। आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे।

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