ज्ञानवापी केस: मुस्लिम पक्ष को झटका, हिंदू पक्ष की नियमित पूजा वाली याचिका पर होगी सुनवाई

प्रयागराज ,

वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े शृंगार गौरी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना अहम फैसला सुना दिया है. श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका को लेकर कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य माना है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद नियमित पूजा की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.

जिला कोर्ट वाराणसी श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल, शृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग को लेकर राखी सिंह समेत 9 अन्य ने वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया था.

हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट को यह तय करना था कि मामला सुनने योग्य है या नहीं. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है.

इस केस में अपनी आपत्ति खारिज होने के खिलाफ मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में वाराणसी के जिला जज की अदालत से 12 सितंबर को आए फैसले को थी चुनौती दी गई थी. अदालत में वाद दाखिल करने वाली 5 महिलाओं समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया था.

दरअसल, वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल की गई आपत्ति को पहले ही खारिज कर दिया था. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1991 के प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है. जिला जज के इसी फैसले को मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि अभी महिलाओं को चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मिली हुई है.

 

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