10 साल में बदल गया इंडिया, अमेरिका के नामी बैंक ने मोदी के 9 साल के काम को दे दिए फुल नंबर

नई दिल्ली

यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी वाला देश जर्मनी मंदी में फंस चुका है जबकि अमेरिका पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। चीन अब पूरी तरह महामारी के प्रकोप से नहीं उबर पाया है और उसकी इकॉनमी लड़खड़ा रही है। यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की अगुवाई में भारतीय इकॉनमी दुनिया के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। भारत की इकॉनमी के इस साल भी सबसे तेजी से बढ़ने का अनुमान है। हर बीते दिन के साथ ऐसे इंस्टीट्यूट्स की संख्या लंबी होती जा रही है जो भारत को भारत को ग्लोबल इकॉनमी के लिए ब्राइट स्पॉट बता रहे हैं। इस लिस्ट में अब दिग्गज अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) का नाम भी जुड़ गया है। उसने भी बीएम मोदी की लीडरशिप का लोहा माना है। उसका कहना है कि मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह बदल गया है और दुनिया में एक बड़ी पोजीशन हासिल करने की तरफ बढ़ रहा है।

मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है और आज विश्व व्यवस्था में एक स्थान हासिल करने की ओर है। रिपोर्ट में कहा है कि आज भारत एशिया और वैश्विक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है। भारत को लेकर संदेह, विशेष रूप से विदेशी निवेशकों के मामले में, 2014 के बाद से हुए उल्लेखनीय बदलावों को नजरअंदाज करने जैसा है। रिपोर्ट में इन आलोचनाओं को खारिज किया गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने और पिछले 25 साल के दौरान सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार के बावजूद भारत अपनी क्षमता के अनुरूप नतीजे नहीं दे सका है।

10 साल में हो गया कायाकल्प
रिपोर्ट कहती है कि भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। इसके मुताबिक ‘यह भारत 2013 से अलग है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है। प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालने के बाद 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट कर की दर को अन्य देशों के बराबर किया गया है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है। साथ ही जीडीपी के प्रतिशत में डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था के संगठित होने का संकेत है।

मंदी की आशंका जीरो
World of Statistics के मुताबिक भारत में मंदी की कोई आशंका नहीं है। भारत बड़े देशों में एकमात्र देश है जहां मंदी की जीरो परसेंट संभावना है। हाल में आए आंकड़ों से इस बात की तस्दीक होती है कि भारत की इकॉनमी जोर पकड़ रही है। आईएमएफ के मुताबिक इस साल भी भारत की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकॉनमी होगी। अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन के सारे रेकॉर्ड टूट गए हैं। साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई भी चार महीने के टॉप पर पहुंच गया है। अधिकांश ऑटो कंपनियों की अप्रैल में बिक्री दमदार रही। ये सारे फैक्टर्स इस बात का संकेत है कि जहां दुनिया मंदी की आशंका में जी रही है वहीं भारत की इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है।

पांचवां बड़ा शेयर मार्केट
इस बीच भारत एक बार फिर दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। घरेलू शेयर मार्केट्स में पिछले कुछ दिनों से जारी तेजी के बदौलत भारत ने फ्रांस को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया है। जनवरी में फ्रांस इस रैंकिंग में भारत से आगे निकल गया था। लेकिन भारतीय शेयर मार्केट्स में 28 मार्च से लगातार तेजी दिख रही है। विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) जमकर भारतीय इक्विटी मार्केट में निवेश कर रहे हैं। भारत का मार्केट कैपिटेलाइजेशन $3.31 लाख करोड़ डॉलर पहुंच चुका है। इसके साथ ही भारत एक बार फिर दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। इस साल देश की मार्केट वैल्यू में करीब 330 अरब डॉलर की तेजी आई है।

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