मामा ने भांजी से किया था रेप, सजा पर बॉम्‍बे हाईकोर्ट का रोक लगाने से इनकार

मुंबई

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 14 साल की भांजी के साथ रेप के मामले में दोषी पाए गए चचेरे मामा की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। विशेष अदालत ने जून 2022 को आरोपी कुणाल जाधव को इस मामले में 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा पर रोक लगा कर जेल से रिहा करने की मांग को लेकर जाधव ने हाई कोर्ट में आवेदन दायर किया था। अपील में जाधव ने दावा किया था कि केस से जुड़े अभियोजन पक्ष के गवाहों में काफी विसंगतियां हैं। इसके अलावा पीड़िता के किसी और के साथ भी प्रेम-प्रसंग भी चल रहा था, इसलिए उसकी सजा पर रोक लगाई जाए। पीड़िता की लगातार उल्टियों के बाद जब उसकी मेडिकल जांच कराई गई तो आरोपी की करतूत का खुलासा हुआ था।

न्यायमूर्ति भारती डागरे ने अपील पर सुनवाई के बाद कहा कि आरोपी की डीएनए रिपोर्ट दर्शाती है कि वह पीड़िता के भ्रूण का जैविक पिता था। ऐसे में केवल अभियोजन पक्ष के गवाहों में विसंगतियों का होना आरोपी को रिहा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता।

‘आरोपी को रिहा नहीं किया जा सकता’
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि यदि आरोपी को रिहा किया जाता है तो इससे पीड़िता की मां को कोई आपत्ति नहीं है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह बात क्यों कहीं गई है, हम इसकी पृष्ठभूमि को समझते हैं, लेकिन इसके आधार पर भी आरोपी को रिहा नहीं किया जा सकता है। इस तरह न्यायमूर्ति ने आरोपी के आवेदन को खारिज कर दिया।

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