जबलपुर
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की शुरुआथ की। सीएम ने गरीब और मध्यम वर्ग की करीब 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में एक-एक हजार रुपये हस्तांतरित किए। इस योजना के माध्यम से 23 से 60 साल आयुवर्ग की महिलाओं को हर महीने की 10 तारीख को एक-एक हजार रुपये जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यहां के गैरीसन मैदान में एक ‘क्लिक’ कर लाभार्थियों के खातों में यह राशि हस्तांतरित की। इससे, पहले उन्होंने कन्या पूजन किया और एक ‘लाडली बहना’ के पैर भी पखारे। इस दौरान सीएम ने कहा कि ये योजना सिर्फ एक हजार रुपए तक सीमित नहीं रहेगी। इसे बढ़ाकर 3 हजार रुपए किया जाएगा।
सीएम शिवराज ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे-जैसे पैसों का इंतजाम होता जाएगा। इस योजना की राशि बढ़ती जाएगी। सीएम ने कहा कि इसे बढ़ाकर पहले 1250 फिर 1500 उसके बाद 1750 और फिर 2000 रुपए किया जाएगा। सीएम ने कहा कि मैं अपनी बहनों के लिए पैसे का इंतजाम करूंगा उसके बाद 2250, 2500, 2750 और फिर 3000 हजार रुपए कर दिए जाएंगे।
राशि बढ़ाने की घोषणा
लाडली बहना योजना के कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी शर्मा, जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे और प्रदेश सरकार के मंत्री व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। ‘नर्मदा मैया, शिवराज भैया’ के नारों के बीच मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अभी इस योजना की शुरुआत हुई है। धीरे-धीरे पैसों का इंतजाम होता जाएगा और वह इस राशि को बढ़ा कर प्रति माह तीन हजार रुपये कर देंगे।
उन्होंने कहा कि आज का दिन ना सिर्फ अद्भुत बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक भी है। महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णय में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री ने इसी साल मार्च में लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर हर गांव में लाडली बहना सेना गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सेना सरकारी योजनाओं को लागू करने में सहयोग करेगी और अन्याय एवं शोषण के खिलाफ आवाज भी उठाएगी। उन्होंने महिलाओं से बड़ी संख्या में इस सेना में शामिल होने की अपील की।
किस वर्ग की कितनी महिलाओं को मिला फायदा
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में अब तक 1.25 करोड़ से अधिक महिलाओं ने पंजीयन कराया है, जिनमें 6,84,363 पेंशनभोगी महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें 17 प्रतिशत महिलाएं अनुसूचित जाति से हैं जबकि अनुसूचित जनजाति की लगभग 20 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग की 47 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग की लगभग 15 प्रतिशत महिलाएं योजना में शामिल हैं।