भोपाल
भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अयोध्या में हुए राम जन्मभूमि आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘उस वक्त भयंकर कर्फ्यू लग गया था। लोगों ने कहा- नारे मत लगाना, पुलिस पकड़ लेगी। हमने वहीं जोर-जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए …जब काटे जाएंगे, तब राम-राम चिलाएंगे।’
प्रज्ञा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में ‘लोक परंपरा में श्रीराम’ विषय पर दो दिवसीय (11 जून और 12 जून) संगोष्ठी में शामिल हुई थीं। उन्होंने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम लोगों ने उसे खोद कर हटाया। इसके बाद गारे की दीवार खड़ी की। उसी के ऊपर टेंट लगाया। इन सब में हमारी भूमिका थी, ये हमारा सौभाग्य है। हम उस वक्त पूरी तैयारी के साथ गए थे।’
सांसद ने आगे कहा, ‘हमारे पिता जी ने कहा था कि लौटने का लोभ मन में नहीं रखना। समर्पित होकर जाओ। तुम राम जी की हो। हम सोच-विचार कर गए थे कि जो कर्म करेंगे, वो राम जी का और अगर चले गए तो भी राम जी के लिए। वापस आए तो कर्फ्यू लग गया था। रास्ते में लोगों ने कहा- नारे मत लगाना प्रज्ञा जी…। मैंने कहा क्यों? लोगों ने कहा- पुलिस पकड़ लेगी। हमने वहीं जोर जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए।’
राम-कृष्ण के जयकारे लगवाकर बोलीं- इसमें संकल्प छिपा है
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने जय श्री राम और जय श्री कृष्ण के जयकारे लगवाए। कहा- ‘हमारे जयकारे में संकल्प छिपा है। समझ सको तो समझ लो। मैं राममय हूं। राम के लिए जीती हूं। राम मेरी भक्ति और राम मेरी शक्ति हैं। मैं राम जी के ऊपर क्या बोलूं, मेरा जीवन ही उनसे शुरू हुआ। हमारे राम जी जब वन गए, तो बन गए। राम के कर्म ने उन्हें बना दिया। राम के कर्म ने राष्ट्र को एक किया। राम के लिए 6 दिसंबर को पूरे देश की जनता आई थी।’
प्रज्ञा ने कहा, ‘जब राम के मंदिर के लिए आह्वान हुआ, दुष्टों को नकारा, भक्ति को स्वीकार किया, तब पता चला कि हमारे देश में राम कितने विख्यात हैं। दक्षिण भारत से 6 दिसंबर को राम के लिए कितने विराट रूप में जनता अयोध्या आई। मैं 1 दिसंबर को कर्म करने अयोध्या पहुंच गई थी। पंजाब, दक्षिण भारत, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर सहित संपूर्ण भारत से लोग वहां आए थे।’
राम का विरोध करने वाली पार्टी नहीं बचेगी
प्रज्ञा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा- ‘राम के विरोध करने का क्या फल होता है? अगर कुछ नहीं होता, तो एक आंख तो फूट ही जाती है। जिसने राम सेतु के अस्तित्व को नकारा, कोर्ट में जो खडे़ हुए, उनकी क्या गति हुई? उस पार्टी को ही छोड़ना पड़ा। दूसरी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे। जिस पार्टी द्वारा तुम खड़े किए गए, वो पार्टी भी नहीं बचेगी। उसकी सांसें भर रही हैं। एकाध बार कभी-कभी कर्नाटक जैसे प्रदेश में उचक जाती है।’
राहुल गांधी पर बोला हमला
प्रज्ञा ने राहुल गांधी पर कहा- ‘मुझे एक ही बात लगती है कि राम को अस्वीकार करना अपने जीवन को निराधार बना लेना है। राम को अस्वीकार कर लिया तो अस्तित्व समाप्त होने लगा। अब ध्यान आने लगा तो तुरंत उल्टी-सीधी धोती पहनकर मंदिर जाने लगे। कोट के ऊपर जनेऊ पहनकर, ब्राह्मणों को पूजा जाने लगा। गोत्र भी बताया जाने लगा। हमारा राष्ट्र संस्कारवान राष्ट्र है। यहां के देवी-देवता, शास्त्र, शस्त्र सब कहते हैं कि तुमने हमें अस्वीकार किया, तो हम तुम्हारे आधार छीन लेंगे। वह कहते हैं कि यदि तुमने हमें स्वीकार किया और हम तुम्हारे हुए तो तुम हमारे हो जाओगे।’
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने डिलीट किया फेसबुक से लाइव वीडियो
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने इस पूरे कार्यक्रम का फेसबुक पर लाइव टेलीकास्ट किया था। मामले पर हंगामा मचने के बाद दोपहर करीब 12 बजे के बाद यूनिवर्सिटी के फेसबुक पेज से वीडियो डिलीट कर दिया गया। कार्यक्रम में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री अभिराज राजेंद्र मिश्रा, भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचौरी, मप्र हिंदी साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी भी मौजूद थे। अध्यक्षता रमाकांत पांडेय ने की।