भोपाल
भोपाल के करोंद स्थित ग्राउंड में चल रही शिवपुराण कथा का आज सोमवार को तीसरा दिन है। कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने कथा सुनाई। उन्होंने लोगों को कार या बाइक चलाने के दौरान सीट बेल्ट और हेलमेट लगाने की समझाइश दी। कहा कि सरकार प्रेशर और 200 रुपए की रसीद इसलिए काटती है कि तुम सुरक्षित, स्वास्थ्य और सुखी रहो। शंकर जी के मंदिर में एक लोटा जल चढ़ाने से सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा का कोई फायदा नहीं है, बल्कि तुम्हारी दुख की घड़ी में मेरे बाबा महाकाल, कुबेरेश्वर साथ होंगे, इसलिए हम एक लोटा जल चढ़ाने की बात कहते हैं।
पं. मिश्रा ने कहा कि हेलमेट या सीट बेल्ट नहीं लगाने से सरकार का कुछ नहीं जाता। इससे फायदा तुम्हारा ही होगा। कई लोग हेलमेट गाड़ी पर टांगकर रख लेते हैं, लेकिन लगाते नहीं है। कई लोग 50 लाख की गाड़ी का इतना ध्यान रखते हैं। उस पर एक स्क्रेच तक नहीं लगना चाहिए, लेकिन वे सीट बेल्ट नहीं लगाते। 25 हजार रुपए के मोबाइल पर कवर लगाते हैं, क्योंकि स्क्रेच नहीं आए। भगवान ने करोड़ों का शरीर दिया है, लेकिन हम समझ नहीं पा रहे हैं।
करोड़ों के शरीर को न जाने किस गटर के पानी से चला रहे हो
महंगी या सस्ती गाड़ी को पेट्रोल-डीजल से ही चलाते हैं, न कि गटर (नाली) का पानी और केरोसिन डालकर, लेकिन शरीर जैसी करोड़ों की गाड़ी को न जाने कौन-कौन से गटर के पानी से चला रहे हैं। रोज शाम होते हैं और गटर का पानी डाल लेते हैं। ये गाड़ी कब तक चलेगी? ये गाड़ी बहुत दिन तक चलने लायक नहीं बचेगी।
समुद्र, बावड़ी, तालाब, कुएं, गड्ढे में डूबकर मरने की संख्या कम है, लेकिन प्याले में डूबकर मरने वालों की संख्या ज्यादा है। नशे में डूबकर लोग मर जाते हैं। ये आंकड़ा सरकार से निकलवा लें तो पता चल जाएगा और शरीर की कीमत समझ जाओ। फेफड़े, हाथ-पैर, कान, आंखें, मुंह, दिमाग दिया है। भगवान को इसके लिए धन्यवाद दीजिए। भगवान ने जो दिया है, वह किसी ने नहीं दिया।
भोपाल के लोगों की तारीफ
पं. मिश्रा ने कहा कि जबर्दस्ती लोग भोपाली लोगों को गलत बोलते हैं। वे कहते हैं भोपाली बात-बात में अशब्द कहते हैं। मुझे यहां तीन दिन हो गए। यहां सब अच्छे से बोल रहे हैं। एक भी ऐसा नहीं मिला जो गड़बड़ बोला हो। दुनिया के लोग कहते रहेंगे, अपन तो भजन करों।
कोई और होती तो बोल देती कि मैं मंत्री की पत्नी हूं
कथा के दौरान पं. मिश्रा ने कहा, मैं देख रहा था कि मंत्री विश्वास सारंग जी और उनकी पत्नी रूमा जी जब पंडाल में चल रहे थे तो कई समर्थकों ने रूमा जी को पीछे कर दिया। कोई और होती तो वह कह देती कि मैं मंत्री की पत्नी हूं, लेकिन रूमा जी ने ऐसा नहीं किया। यही आपकी उदारता है।
धर्मपत्नी का सम्मान करें
खुद की धर्मपत्नी घर में है तो उसका सम्मान करों। वह चार कंपनियां खुलवा देगी। दूसरे की पत्नी निगाह गई तो वो तुम्हारी सारी कंपनी बंद करवा देगी। किसी दूसरी काल रात्रि को मत देख लेना। मंदिर पर लगे घंटे को अच्छे से देख लेना। वो दिनभर बजता है। कोई भी बजा देता है। तुम्हारी हालत भी वैसी ही हो जाएगी।
पं. मिश्रा ने बताया-दान, मंत्र, जाप-भजन का महत्व
कथा में पं. मिश्रा ने दान, मंत्र जाप और भजन का महत्व भी बताया। कहा कि दान, भजन-कीर्तन, मंत्र जाप, भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाना कभी खाली नहीं जाता। भगवान भोलेनाथ इसका फल देते हैं। पं. मिश्रा ने बच्चों को संस्कार देने की बात दोहराई। कहा कि बच्चों को मंदिर की सीढ़ियां चढ़ाओं और एक लोटा पानी लेकर शिवालय-मंदिर भेजों। जल चढ़ाने वाले के पीछे मेरा शंभू चलता है।
कई भक्तों के पत्र भी पढ़े
पं. मिश्रा ने श्रद्धालुओं के कई पत्र भी पढ़े। दोपहर 2 बजे से कथा शुरू हुई, जो शाम 5 बजे तक चली। कथा सुनने के लिए सुबह 8 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। तीन बड़े डोम समेत आसपास लगे पंडाल खचाखच भर गए। कथा 14 जून तक चलेगी। दो दिन लाखों श्रद्धालु कथा में पहुंचे। मंगलवार से वीवीआईपी के आने का सिलसिला शुरू होगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई मंत्री कथा में शामिल होंगे। कथा में पं. मिश्रा कई प्रेरक प्रसंग सुना रहे हैं। खासकर बच्चों को संस्कार देने और मंदिर में भेजने की समझाइश दे रहे हैं। कथा सुनने के लिए मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु आ रहे हैं।