पाकिस्‍तान में चक्रवाती तूफान विपरजॉय के कहर का खतरा, 1 लाख लोगों को हटा रही सेना, समुद्र में ऊंची लहरें

कराची

भारत और पाकिस्‍तान के लिए खतरा बन चुका चक्रवाती समुद्री तूफान विपरजॉय अब कराची से मात्र कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर है। अरब सागर में उठे इस तूफान के कहर से बचाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्‍सों से करीब 1 लाख लोगों को हटाया जा रहा है। पाकिस्‍तान के मौसम विभाग ने कहा है कि यह तूफान कमजोर पड़ गया है लेकिन अब यह ‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है। इस अलर्ट में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान अब कराची से मात्र 470 किमी की दूरी पर है। मौसम विभाग ने कहा कि यह तूफान अगले कुछ घंटों में पाकिस्‍तान केटी बंदर और भारतीय राज्‍य गुजरात के तट से टकरा सकता है।

प्रभावित इलाकों में पाकिस्‍तानी सेना को तैनात किया गया है। पाकिस्‍तान की मंत्री शेरी रहमान ने कहा है कि कराची में 113 मिलीमीटर बारिश का अनुमान है। उन्‍होंने कराची के लोगों से अपील की है कि वे चेतावनी को बिना दहशत में आए गंभीरता से लें। पाकिस्‍तानी मौसम व‍िभाग ने कहा कि 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। यही नहीं समुद्र में 30 फुट ऊंची लहरें उठ सकती हैं। उसने कहा कि वर्तमान परिस्थित‍ियों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह तूफान अब उत्‍तर की ओर बढ़ रहा है।

पाकिस्‍तान की सेना ने संभाला मोर्चा
मौसम विभाग ने कहा कि 15 जून को बहुत तेज तूफान पाकिस्‍तानी और भारतीय इलाके में आ सकता है। इस दौरान 140 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। वहीं चक्रवात का असर अब कराची में दिखना शुरू हो गया है, समुद्र का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। अब तक 6 हजार से ज्‍यादा लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा चुका है। इस बीच पाकिस्‍तान सेना के कराची के कोर कमांडर ने आपात बैठक की है। इस बैठक में सेना के अलावा नागरिक प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

पाकिस्‍तान सेना ने आदेश दिया है कि इस तूफान से निपटने के हर संभव उपाय किए जाएं। इस बीच पाकिस्‍तानी सेना के जवान विभिन्‍न इलाकों में तैनात कर दिए गए हैं। सेना ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में लोगों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। इस बीच पाकिस्‍तान के हैदराबाद, बादिन और मलिर में नए सैनिकों को नागर‍िक प्रशासन की मदद के लिए तैनात किया गया है। समुद्र तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का क्रम युद्धस्‍तर पर जारी है। इसके बाद भी हजारों की तादाद में परिवार अभी फंसे हुए हैं। ज्‍यादातर लोग अपने घरों को नहीं छोड़ना चाहते हैं, इस वजह से बचाव कार्य में दिक्‍कत हो रही है।

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