नई दिल्ली
वाराणसी में चल रही जी-20 की मीटिंग में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेद फिर से सामने आया। दिल्ली की बैठक वाली असहमति यहां भी दिखी। इसके बावजूद जी-20 की बैठक भारत के नजरिये से खास रही। बैठक में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) पर त्वरित प्रगति पर जी20 कार्य योजना और सतत विकास के लिए जीवन शैली पर जी20 उच्चस्तरीय सिद्धांतों को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे भारत की अध्यक्षता में बड़ी उपलब्धि बताया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता वैश्विक मुद्दों पर मंच का ध्यान वापस लाने में सफल रही। विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 की विकास मंत्री स्तरीय बैठक से विकास से जुड़े इन मुद्दों पर एकजुटता प्रदर्शित करने का अवसर मिला है।
भारत के 7 वर्षीय कार्ययोजना को मंजूरी
जी20 के विकास मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यहां कहा कि भारत ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना को मंजूरी मिली। इसमें जी20 गतिविधियों के लिए समन्वित एवं समावेशी खाका पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इस रूपरेखा में डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचा, विकास के लिए डाटा को मजबूत करने, महिला नीत विकास के लिए निवेश और पृथ्वी की सुरक्षा के लिए ऊर्जा संसाधनों के परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जयशंकर ने कहा कि महामारी से लेकर सप्लाई चेन में बाधा तक, संघर्ष के प्रभाव से लेकर जलवायु से जुड़ी घटनाओं तक दुनिया आज अभूतपूर्व एव विविध संकटों का सामना कर रही है। वहीं हमारा युग दिन प्रतिदिन अधिक परिवर्तनशील और अनिश्चित होता जा रहा है।
यूक्रेन युद्ध पर प्रस्ताव में क्या-क्या शामिल था?
यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर जी-20 में मतभेद सोमवार को एक बार फिर सामने आ गए। समूह के विकास मंत्रियों की बैठक रूस और चीन के विरोध की वजह से आम सहमति पर पहुंचने में असमर्थ रही। पक्षकारों की तरफ से तैयार दस्तावेज के पैराग्राफ 10 और 11 और अध्यक्ष के सारांश में जिक्र है कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की। सदस्यों ने जोर देकर कहा कि यह अत्यधिक मानवीय पीड़ा का कारण बन रहा है। इसमें रेखांकित किया गया है कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए। यही बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कही थी। युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा कमजोरियों को बढ़ा रहा है और विकास व आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर रहा , मंहगाई में वृद्धि का कारण है, ऊर्जा, खाद्य असुरक्षा और वित्तीय स्थिरता जोखिमों को बढ़ा रहा है। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि परमाणु हथियारों के उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है। साथ ही संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, साथ ही कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं।
वाराणसी में मीटिंग का अंतिम दिन
भारत 11-13 जून तक जी20 समूह के देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी वाराणसी में कर रहा है। इसमें वैश्विक आपूर्ति शृंखला, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है। भारत की मेजबानी में जनवरी में आयोजित ‘वॉयस आफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन’ के बाद जी20 के विकास मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। वाराणसी की बैठक में लिये जाने वाले फैसले टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर सितंबर में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में योगदान करेंगे।