भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग क्या चुनावी साल में BJP की उम्मीदें मुरझा देगी?

भोपाल

भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी भीषण आग पर काबू पा लिया गया। इस भवन में मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के ऑफिस हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन पर जानकारी दी। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की थी और भारतीय वायु सेना (IAF) से सहायता मांगी। राज्य के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना के एमआई-18 हेलीकॉप्टर और एएन-32 परिवहन विमान आग बुझाने में मदद करने के लिए भोपाल भेजे जाएंगे, जिस तरह जंगल की आग के मामले में किया जाता है। हालांकि देर रात आग पर काबू पा लिया गया और इसकी जरूरत नहीं पड़ी। आग सतपुड़ा भवन की ऊपरी छठी मंजिल और छत तक फैल गई थी। आग और इमारत से उठते धुएं को शहर में दूर तक देखा जा सकता था। चुनावी साल में यह आग तो बुझ गई लेकिन इसका सियासी धुआं अब भी देखा जा सकता है। चुनावी साल में इस तरह का दृश्य सत्ताधारी दल के लिए परेशान करने वाला है।

एक ओर सतपुड़ा भवन में आग की लपटें तेज हो रहीं थीं तो वहीं दूसरी ओर इसके बाद सियासी लपटें भी तेज हो गईं। सतपुड़ा भवन में लगी भीषण आग पर आधी रात के बाद काबू पा लिया गया लेकिन संपत्ति को भारी नुकसान और सवाल बनने से पहले नहीं। कम से कम चुनावी वर्ष में बीजेपी सरकार के लिए। एक ओर दिन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत की और शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा दिए। कुछ घंटे का ही वक्त बीता था कि कांग्रेस को एक और मौका मिल गया और आग की इस घटना के बाद पार्टी के नेताओं ने आरोपों की झड़ी लगा दी।

विधानसभा चुनाव बमुश्किल पांच महीने दूर और इससे पहले सरकारी ऑफिस में आग की घटना ने विपक्षी दल कांग्रेस को एक मौका दे दिया। विपक्षी दल कांग्रेस ने आग की घटना को लेकर सरकार पर वार करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। कैप्शन के साथ वीडियो पोस्ट किया जिसमें सरकारी फाइलों को आग में नष्ट होने की ओर इशारा किया गया था। कांग्रेस का कहना है कि यह आग जानबूझकर लगाई गई है। आग लगने की घटना के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ समेत दूसरे नेता शिवराज सरकार पर हमलावर हैं। मंगलवार को भी इस आग की आंच महसूस हुई। सतपुड़ा भवन में कांग्रेस विधायकों को अंदर नहीं जाने दिया गया। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सहित दूसरे विधायक धरने पर बैठ गए।कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि शिवराज के दफ्तर की आग बता रही है कि बीजेपी सरकार मध्य प्रदेश से जा रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत सोमवार को जबलपुर में एक रैली से की। इस रैली में प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले हुए हैं। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और नौकरियां उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया। इसके साथ ही कहा गया कि यदि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता में आई तो महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराने के साथ 100 यूनिट बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने के साथ किसानों के कर्ज माफ करेगी। दिन में प्रियंका गांधी ने शिवराज सरकार पर हमला बोला तो वहीं आग वाली घटना के बाद प्रदेश के नेताओं ने इसे और आगे बढ़ाया।

इस बीच राज्य सरकार ने आग लगने के संभावित कारणों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कहा कि समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजोरा, प्रधान सचिव (शहरी प्रशासन) नीरज मंडलोई , प्रधान सचिव (लोक निर्माण विभाग) सुखबीर सिंह और अतिरिक्त महानिदेशक (अग्नि) शामिल हैं। भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि प्रथम दृष्टया सूचना के अनुसार और मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि AC में शॉर्ट सर्किट के कारण इमारत की तीसरी मंजिल पर आग लगी और हवा के कारण अन्य मंजिलों तक फैल गई।

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