छतरपुर,
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलने की आस लेकर चली शिवरंजनी तिवारी छतरपुर पहुंचीं तो उनके साथ कई प्रकार के विवादों का नाता भी जुड़ गया. इनमें से सबसे बड़ा विवाद रहा उनके पिता का तेल का बिजनेस. दरअसल, नवंबर माह में शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी का तेल के बिजनेस को लेकर बागेश्वर धाम के सेवादारों से विवाद हो गया था.
इस बात का खुलासा हुआ जब MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी के साथ आई एक कार के पीछे मीडियाकर्मियों ने मार्कण्डेय तेल का पोस्टर लगा देखा. इस बारे में जब शिवरंजनी से ‘आजतक’ ने सवाल किया तो उन्होंने इस पर कुछ नहीं बताया. लेकिन उनके पिता बैजनाथ तिवारी का कहना था कि वह अपने बेटे के साथ नवंबर माह में बागेश्वर धाम आए थे.साथ में मार्कंडेय तेल की बोतलें भी बेचने के लिए लाए थे. बता दें, मार्कण्डेय तेल घुटनों और पीठ के दर्द के लिए इन्ही लोगों के द्वारा बनाया गया है.
उन्होंने 100 रुपये प्रति बोतल के हिसाब से बागेश्वर धाम में तेल बेचा. जिससे उन्हें 35 हजार रुपये का फायदा हुआ. बैजनाथ ने सोचा क्यों न बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से बात करके तेल ब्रांडिंग का प्लान किया जाए. तो वह सेवादारों के माध्यम से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिले और अपने दिल की बात बताई.
धीरेंद्र शास्त्री ने तेल की ब्रांडिंग करने से किया इनकार
साथ यह बताया कि आपके धाम से हमारा तेल कई लोगों ने खरीदा है जिससे मुझे करीब 35000 रुपये मिले हैं और मैं इस राशि में से कुछ राशि धाम को देना चाहता हूं. तो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और तेल की ब्रांडिंग के लिए भी मना कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, उसी समय शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी का विवाद बागेश्वर धाम के सेवादारों से हो गया. क्योंकि उन्होंने पहले तेल फ्री में बांटने की बात कही थी. जबकि, बाद में इसके बदले पैसे ले रहे थे.बस इसी के बाद से अब कहा जा रहा है कि बैजनाथ ने जानबूझकर पहले एक प्लान तैयार किया. उन्होंने सबसे पहले अपनी बेटी को इस तरह बागेश्वर धाम के नाम से फेमस करना चाहा, ताकि उनके तेल की भी ब्रांडिंग हो जाए. मगर वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके.
शिवरंजनी ने साधा बागेश्वर के सेवादारों पर निशाना
इस पर जब शिवरंजनी तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने अपने तेल का वितरण एकमात्र बागेश्वर धाम में नहीं किया है. बल्कि इसके पहले करौली शंकर धाम पंडोखर सरकार में भी किया है. लेकिन बागेश्वर धाम के सेवादार जो भी काम करते हैं उसके बारे में धीरेंद्र शास्त्री महाराज को पता नहीं रहता है इसकी गारंटी में खुद लेती हूं. बागेश्वर धाम के महाराज ने खुद यह बात बताई है कि मैं अपने सेवादारों से परेशान हूं.शिवरंजनी ने आगे कहा कि हमारे साथ नवंबर माह में वहां पर जो कुछ भी हुआ वह कोई नहीं जानता. हां यह जरूर है कि जो कुछ हुआ था वह गलत हुआ था. लेकिन इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहती.