बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल इस वक्त अपनी नई वेब सीरीज Trial- Pyaar, Kaanoon, Dhokha के प्रमोशन में लगी हैं। इसी बीच एक इंटरव्यू में उन्होंने ऐसा कुछ बोल दिया, जिसे लेकर वह बुरी तरह ट्रोल हो गईं। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर अपनी सफाई दी है। दरअसल उन्होंने देश के नेताओं को अनपढ़ बता दिया था। जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें उनकी एजुकेशन याद दिलाते हुए स्कूल ड्रॉपआउट कहा है।
दरअसल काजोल ने कहा था,”हमारे नेता लोग पढ़े लिखे नहीं हैं। इसलिए हमारे देश में तेजी से बदलाव नहीं आ पा रहा। हमारे सोचने-समझने का तरीका नहीं बदल पा रहा है।” काजोल के इतना कहने पर यूजर्स ने उन्हें और उनके पति अजय देवगन की पढ़ाई-लिखाई पर ट्रोल करना शुरू कर दिया। जिसके बाद काजोल ने अपनी सफाई देते हुए ट्वीट किया है।
काजोल ने ट्विटर पर दी सफाई
काजोल ने ट्विटर पर लिखा,”मैं केवल शिक्षा और उसके महत्व के बारे में बात कर रही थी। मेरा इरादा किसी भी राजनीतिक नेता को नीचा दिखाना नहीं था, हमारे पास कुछ महान नेता हैं जो देश को सही रास्ते पर ले जा रहे हैं।” इस ट्वीट पर काजोल को यूजर्स ने खरी खोटी सुनाई है।
यूजर्स की प्रतिक्रिया
रोहिणी नाम की यूजर ने लिखा,”शिक्षा इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन ये टिप्पणी आपकी तरफ से आ रही है। क्या आप कुछ महान नेताओं के नाम बता सकते हैं जो देश को सही रास्ते पर ले जा रहे हैं?” अश्विन नागर ने लिखा,”क्या यह किसी आने वाली फिल्म के लिए फ्री का प्रमोशन पाने की रणनीति है? ऐसा लगता है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में यह एक ट्रेंड बन गया है। स्वतंत्र मीडिया ध्यान और प्रसारण समय के लिए फिल्म रिलीज से पहले विवाद खड़ा करें, हिंदुओं और आरडब्ल्यू विचारधारा को निशाना बनायें।”
ट्विटर पर तमाम लोग काजोल को उनके नेताओं को अनपढ़ बोलने वाले बयान पर खरी खोटी सुना रहे हैं। उन्हीं में से एक स्वाति बेलम नाम की यूजर ने लिखा है,”काजोल स्कूल ड्रॉपआउट हैं, उनके पति कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। और बॉलीवुड सबसे अशिक्षित इंडस्ट्री में से एक है इसलिए वे बिना सिर-पूछ वाली ऐसी मूर्खतापूर्ण फिल्में बनाते हैं। लेकिन चूंकि उनमें से अधिकांश बहुत ही शानदार स्कूलों में पढ़े हैं, इसलिए वे फराटेदार अंग्रेजी बोलते हैं और कई लोग सोचते हैं कि वे अच्छी तरह से शिक्षित हैं…”स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने भी काजोल को लेकर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि काजोल पढ़ाई नहीं कर पाईं, इसलिए उन्हें लगता है कि पढ़ें लिखे नेता ही देश की मदद कर सकते हैं।