इस्लामाबाद
सीमा हैदर के पाकिस्तान से भागकर भारत आने पर सिंध के मंदिर पर हमला हुआ है और हिंदू समुदाय के लोग डर के साए में जी रहे हैं। इन डकैतों ने धमकी दी कि अगर सीमा हैदर को वापस पाकिस्तान नहीं भेजा जाता तो वे हिंदुओं को निशाना बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने रॉकेट लॉन्चर से एक हिंदू मंदिर और उससे सटे हिंदू बिजनसमैन के घर पर हमला बोला। इस घटना से स्थानीय लोग डरे हुए हैं। अब सिंध प्रांत के अल्पसंख्यक मंत्री ज्ञानचंद इसरानी ने डकैतों से गुहार लगाई है कि वे हिंदुओं पर हमले न करें। उन्होंने यहां तक कह दिया, ‘हमारा जीना और मरना दोनों ही पाकिस्तान के साथ जुड़ा हुआ है।
हमलावरों के खिलाफ ठोस ऐक्शन की बजाय मंत्री इसरानी ने सिंध विधानसभा में डकैतों से अपील की कि सदियों से इस इलाके में शांति के साथ रह रहे हिंदू समुदाय को निशाना न बनाएं। इस बीच एमक्यूएम पी के नेता मंगला शर्मा ने कहा कि भारी हथियारों से लैस डकैतों ने रॉकेट लॉन्चर की मदद से सिंध में मंदिर पर हमला किया था। शर्मा ने कहा कि इस घटना के बाद हिंदू समुदाय बहुत डरा हुआ है। वहीं इसरानी ने यह भी बताया कि डकैतों ने सिंध प्रांत के मंदिरों पर भी हमले की धमकी दी है।
‘पाकिस्तान दुनियाभर में होगा बदनाम’
इसरानी ने कहा कि डकैत भी पाकिस्तान के नागरिक हैं और उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए जो पाकिस्तान का नाम खराब करे। उन्होंने कहा कि अगर यहां रह रहे हिंदुओं को निशाना बनाया गया तो दुनियाभर में पाकिस्तान का नाम बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमारा जीना और मरना दोनों ही पाकिस्तान के साथ जुड़ा हुआ है।’ मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू समुदाय ने कुछ भी गलत नहीं किया है। ऐसे में उनके पूजास्थल को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।
इस बीच पाकिस्तान की सरकार ने दावा किया है कि उसने 400 पुलिसकर्मियों को हिंदुओं के मंदिरों की सुरक्षा के लिए तैनात किया है। ये सैनिक अगले दो महीने तक इन मंदिरों की सुरक्षा करेंगे। इस बीच मंत्री और विधायक जहां मंदिर पर हमले की बात विधानसभा में स्वीकार कर रहे हैं, पुलिस ने दावा किया है कि किसी भी मंदिर को निशाना नहीं बनाया गया है। मंत्री और पुलिस के इस बयान में विरोधाभास से यह साफ दिख रहा है कि पाकिस्तान सरकार इस पूरे मामले को दबाना चाहती है।