ब्राह्मण वोटबैंक पर नजर, उमा भारती के भतीजे को मौका… MP में कैबिनेट विस्तार के क्या मायने?

भोपाल

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. लेकिन इससे ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कैबिनेट विस्तार कर दिया. उन्होंने कैबिनेट में तीन बीजेपी विधायकों को शामिल किया है. कहा जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट विस्तार से जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है.

मध्य प्रदेश में जिन तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया है. उनके नाम राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी हैं. शुक्ला जहां ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. वहीं, बिसेन और राहुल लोधी दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इन तीनों मंत्रियों को शामिल करने के साथ ही कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 35 तक हो सकती है.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूबाई पटेल ने शनिवार सुबह लगभग नौ बजे राजभवन में तीनों को मंत्रियों पद की शपथ दिलाई. आइए, अब जान लेते हैं कि आखिर किस तरह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चौहान सरकार जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने में जुटी है.राजभवन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि शुक्ला (59) और बिसेन (71) ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली जबकि लोधी (46) ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. लेकिन इन्हें अभी तक मंत्रालय आवंटित नहीं किया गया है.

राजेंद्र शुक्ला के जरिए विंध्य को साधने की कोशिश
बीजेपी नेता राजेंद्र शुक्ला ब्राह्मण नेता हैं जो रीवा से चार बार विधायक रह चुके हैं. वह विंध्य का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. वह शिवराज चौहान सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को विंध्य क्षेत्र से बड़ी सफलता मिली थी. यहां की रीवा सीट से पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार जीत दर्ज कर चुके हैं.

ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी सरकार एक बार फिर राजेंद्र शुक्ला के सहारे विंध्य को साधने की कोशिश कर रही है. शुक्ला को कैबिनेट में शामिल करने से राज्य के विंध क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि कैबिनेट में शुक्ला को शामिल करने से बीजेपी को विंध क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने में लाभ होगा.

2018 में बीजेपी ने विंध्य से 24 सीटें जीती थीं
2018 विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र से बीजेपी ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस छह सीटें जीत सकी थी. इस बार इस बार सूबे में आम आदमी पार्टी भी अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि शुक्ला को सही रणनीति के तहत कैबिनेट में शामिल किया गया है.

बालाघाट से सात बार विधायक रह चुके हैं बिसेन
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गौरीशंकर बिसेन को भी कैबिनेट में जगह दी है. वह ओबीसी समुदाय से आते हैं. वह बालाघाट से सात बार विधायक रह चुके हैं. वह मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं. महाकौशल क्षेत्र में बिसेन पार्टी के बड़े ओबीसी चेहरे हैं.कैबिनेट में बिसेन को शामिल करने से उन लोगों को संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है, जिन्हें लगता है कि बीजेपी उन्हें नजरअंदाज कर रही है. बिसेन से पहले इस क्षेत्र से सिर्फ एक मंत्री कैबिनेट में था.

लोधी समाज को संतुष्ट करने की कोशिश
कैबिनेट में ओबीसी नेता राहुल लोधी को भी शामिल किया गया है. वह खरगापुर से विधायक हैं और उन्होंने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. वह बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री उमा भारती के भतीजे हैं. बिसेन और लोधी ओबीसी समुदाय से जुड़े हैं और राज्य की कुल आबादी में से 45 फीसदी से अधिक इस समुदाय से है. कहा जा रहा है कि इन दोनों मंत्रियों के बहाने से पार्टी ओबीसी समुदाय के वोट हासिल करने की जुगत में है. लोधी के कैबिनेट में शामिल होने से यूपी से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र में बीजेपी को फायदा हो सकता है.

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एंटी इन्कंबेंसी से निपटने, जाति समीकरणों में संतुलन लाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं के समाधान के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सुझाव पर कैबिनेट में विस्तार किया गया है. बता दें कि इससे पहले चौहान कैबिनेट में आखिरी बार विस्तार जनवरी 2021 में हुआ था. हालांकि, शनिवार को मध्य प्रदेश कैबिनेट में हुए विस्तार के बाद भी अभी भी मंत्रिमंडल में एक और सदस्य को शामिल करने की गुंजाइश बनी हुई है.

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