नई दिल्ली,
चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद से लगातार तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. इसरो ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दे रहा है. .बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की. लैंडिंग के दो घंटे और 26 मिनट बाद लैंडर से रोवर भी बाहर आ गया. विक्रम अपने कैमरे से रोवर की तस्वीरें और वीडियो भेज रहा है.
वायरल हुआ बातचीत का वीडियो
इसरो ने शनिवार रात को X (पूर्व में ट्विटर) पर रोवर का एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि लैंडिंग के बाद कैसे लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के बीच में बातचीत हुई. वीडियो में दिख रहा है कि जो रोवर (प्रज्ञान) विक्रम लैंडर के अंदर बैठकर चांद तक तक पहुंचा था उसने लैंडिंग के बाद ठीक उसी अंदाज में विक्रम से अनुमति मांगी जैसे बच्चे घर से बाहर जाने के लिए अपने परिवार के वरिष्ठ सदस्य (माता, पिता आदि) से अनुमति मांगते हैं.
चांद की सतह पर उतरने से पहले प्रज्ञान ने विक्रम से पूछा, ‘क्या मैं मूनवॉक के लिए जा सकता हूं?’ विक्रम ने एक बुजुर्ग की तरह अनुमति देते हुए जवाब दिया, ‘हां, तुम जा सकते हो लेकिन टच में रहना.’ जिस पर प्रज्ञान कहता है- ‘Yaaaaahoooo… (याहूहूहूहू……)’ इसके बाद वह विक्रम से उतरकर चंद्रमा की सतर पर आ जाता है.
Pragyan: Can I go for a Moonwalk?
Vikram: Yes, you can go but keep in touch!
Pragyan: Yaaaaahoooooooooo…!🤗#Chandrayaan3 #ISRO pic.twitter.com/KWLii6pPmB
— LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION (@chandrayaan_3) August 26, 2023
लोग जमकर कर रहे हैं शेयर
देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अभी तक करीब 10 लाख लोग इस वीडियो को देख चुके हैं जबकि 45 हजार से अधिक लोग इसे लाइक कर चुके हैं जबकि 6 हजार से अधिक लोग रिपोस्ट कर चुके हैं. लोग लगातार इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं और देश के वैज्ञानिकों की तारीफ कर रहे हैं.
ये वीडियो उस वक्त का है जब रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर उतरा था. चंद्रयान-3 की कामयाबी ने चांद के साउथ पोल पर भारत का परचम बुलंद किया है. वीडियो में रोवर प्रज्ञान की जो तस्वीर सामने आई है उस पर इसरो का लोगो और तिरंगा नज़र आ रहा है.
दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा लैंडर
चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडर उतारने वाला भारत, दुनिया का पहला देश बन गया है. वहीं, चांद की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले सितंबर 2019 में भी इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारने की कोशिश की थी. लेकिन तब हार्ड लैंडिंग हो गई थी. चांद की सतह पर लैंड करने से पहले ही विक्रम लैंडर टकरा गया था और इसकी क्रैश लैंडिंग हुई थी. हालांकि, ऑर्बिटर अपना काम कर रहा था. चंद्रयान-2 की गलतियों से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में कई अहम बदलाव किए गए हैं.
प्रज्ञान रोवर क्या काम करेगा
प्रज्ञान रोवर पर दो पेलोड्स लगें हैं. पहला है लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप . यह चांद की सतह पर मौजूद केमकल्स यानी रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा. साथ ही खनिजों की खोज करेगा. इसके अलावा प्रज्ञान पर दूसरा पेलोड है अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर. यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा. जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा. इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर की जाएगी.