नई दिल्ली
चंद्रयान-3 की सफलता से पूरे देश में उत्सव का माहौल है। इस बीच, इसरो ने अब अपने नए लक्ष्य पर फोकस करना शुरू कर दिया है। जी हां, अगला मिशन गगनयान है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में इस मिशन पर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में इस मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसका मकसद यह तय करना है कि मानव मिशन के समय यह स्पेसक्राफ्ट उसी रूट से लौटे, जिससे गया है। स्पेसक्राफ्ट की सफल टेस्टिंग के बाद महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। व्योममित्र इंसान की तरह सारी एक्टिविटीज कर सकेगी।
अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम इससे आगे बढ़ेंगे और मानव मिशन भेजेंगे। अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना उन्हें भेजना। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के कारण गगनयान प्रोजेक्ट में देरी हुई।तीन साल पहले पहली बार व्योममित्र को दुनिया के सामने पेश किया गया था। इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का तमगा हासिल है। इसे बेंगलुरु में रखा गया है। संस्कृत में व्योम का मतलब अंतरिक्ष और मित्र का मतलब दोस्त होता है।
मिशन गगनयान के बारे में जानिए
- इसके तहत दो शुरुआती मिशन इसी साल भेजे जाने हैं।
- पहला मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा।
- इसका मकसद यह तय करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए, उसी रास्ते से सुरक्षित लौट आए।
- इसके कामयाब होने के बाद ही 2024 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
- दूसरे मिशन में व्योममित्र नाम की महिला रोबोट भेजी जाएगी। व्योममित्र अंतरिक्षयात्रियों की तरह काम करेगी।
- यह गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी। साथ ही, ग्राउंड स्टेशन में मौजूद टीम से संपर्क कर बात करेगी।
- इस मिशन के परिणाम ही इंसानों के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खोलेंगे।
- तीसरी उड़ान में दो इंसानों को भेजा जाना है। ये लोग तीन दिन अंतरिक्ष में रहेंगे। गगनयान
- 400 किमी की ऊंचाई पर लोअर अर्थ ऑर्बिट में चक्कर काटेगा।
- वायुसेना के चार पायलट्स को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।