आतंकियों के ‘काल’ राष्ट्रीय राइफल्स में नहीं जाएंगे अग्निवीर, जानिए कैसे कहां होगी तैनाती

नई दिल्ली

इंडियन आर्मी में अग्निवीरों का पहला बैच यूनिटों में पहुंचने वाला है और अग्निवीरों को क्या ड्यूटी दी जाएगी इसकी गाइडलाइन आर्मी हेडक्वॉर्टर ने जारी की है। ये गाइडलाइन आर्मी की सभी फॉर्मेशन को भेजी गई है ताकि इसके हिसाब से अग्निवीरों को आर्मी में इंटीग्रेट किया जाए। उन्हें ऐसी कोई ड्यूटी ना दी जाए जिससे उनका असेसमेंट प्रभावित हो और सभी का समान पैमाने पर मूल्यांकन हो सके। उनके चार साल के असेसमेंट के बाद ही पहले बैच से 25 पर्सेंट अग्निवीरों को परमानेंट किया जाना है।

गाइडलाइन में कहा गया है कि अग्निवीरों को राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) में तैनात नहीं किया जाएगा। आरआर जम्मू-कश्मीर में तैनात है और काउंटर इनसरजेंसी ऑपरेशन देखती है। आरआर में तभी तैनाती मिलेगी जब अग्निवीर रेगुलर सैनिक के तौर पर परमानेंट होंगे। अग्निवीर की स्किल बढ़ाने के लिए हायर फॉर्मेशन की जरूरत के हिसाब से कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) उन्हें फॉर्मेशन लेवल कोर्स के लिए नॉमिनेट कर सकते हैं लेकिन उन्हें किसी आर्मी लेवल कोर्स के लिए नॉमिनेट नहीं किया जाएगा। दरअसल आर्मी लेवल कोर्स में सर्टिफिकेट भी मिलता है और सेना में आगे बढ़ने के लिए ग्रेडिंग में भी इससे फायदा मिलता है जबकि फॉर्मेशन लेवल कोर्स सिर्फ स्किल बढ़ाने के लिए होता है।

अग्निवीरों को स्पेशल डिटेचमेंट में भी नहीं भेजा जाएगा। जैसे उन्हें आर्टिलरी में बीएमपी ड्राइवर की ड्यूटी नहीं दी जाएगी। वे लोकल या फॉर्मेशन लेवल पर सुपरविजन में ड्यूटी करेंगे और उन्हें हायर हेडक्वॉर्टर लेवल पर स्वतंत्र तौर पर ड्यूटी नहीं दी जाएगी। संतरी की ड्यूटी पर अग्निवीर और रेगुलर सैनिक एक साथ होंगे। किसी भी वक्त अग्निवीर को संतरी पोस्ट पर अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। जब परमानेंट करने के लिए अग्निवीरों का असेसमेंट हो तो किसी का हस्तक्षेप ना हो इसलिए अग्निवीरों को किसी ऑफिसर के साथ बडी (buddy) के तौर पर तैनात नहीं किया जाएगा और उन्हें कोई सेंसेटिव अपॉइंटमेंट नहीं मिलेगी। फील्ड फॉर्मेशन को ये गाइडलाइन दी गई है ताकि अग्निपथ स्कीम बिना किसी दिक्कत के सही तरीके से लागू हो।

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