नई दिल्ली
अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में आज गिरावट देखी जा रही है। कई शेयर चार परसेंट से अधिक गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। एक मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। लेकिन इस कारण अडानी ग्रुप के शेयर आज बाजार खुलते ही धराशाई हो गए। ग्रुप की सभी दस लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा 4.6 परसेंट गिरावट अडानी पावर (Adani Power) में आई है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का शेयर बुधवार को 2513.60 रुपये पर बंद हुआ था और आज गिरावट के साथ 2453.65 रुपये पर खुला। सुबह 10.15 बजे यह 3.94 परसेंट की गिरावट के साथ 2414.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इसके साथ-साथ अडानी विल्मर (Adani Wilmar), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ), एनडीटीवी (NDTV), अंबूजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) और एसीसी (ACC) के शेयरों में भी गिरावट देखी जा रही है।
जॉर्ज सोरोस के सपोर्ट वाले नॉन-प्रॉफिट मीडिया ऑर्गेनाइजेशन OCCRP का दावा है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया। उसका कहना है उसकी जांच में सामने आया है कि कम से कम दो मामले ऐसे हैं जहां निवेशकों ने विदेशी कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे और बेचे हैं। OCCRP की रिपोर्ट में दो ऐसे लोगों नासिर अली शबन अहली और चांग चुंग-लिंग की पहचान उजागर की गई है जिन्होंने अडानी ग्रुप में लाखों डॉलर का निवेश किया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है ये लोग अडानी ग्रुप की कंपनियों में डायरेक्टर और निवेशक रह चुके हैं। साथ ही इनका गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़ी कंपनियों से भी वास्ता रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने एक बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है। ग्रुप का कहना है कि यह सोरोस के सपोर्ट वाले संगठनों की हरकत लग रही है। विदेशी मीडिया का एक सेक्शन भी इसे हवा दे रहा है ताकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से खड़ा किया जा सके। ये दावे एक दशक पहले बंद मामलों पर आधारित हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
इससे पहले 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अडानी ग्रुप के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेराफेरी समेत कई आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इसके कारण ग्रुप के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई थी। उसका मार्केट कैप आधे से भी कम रह गया था। अडानी भी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप तीन से खिसककर टॉप 20 से बाहर हो गए थे। हाल में अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में कुछ रिकवरी हुई थी लेकिन अब OCCRP ने एक बार फिर अडानी ग्रुप को पटरी से उतार दिया है।