बोलने और लिखने में भारत कहें, यही देश का पुराना नाम, गुवाहाटी में बोले, मोहन भागवत

गुवाहाटी

देश में विपक्षी दलों के गठबंधन द्वारा अपने अलायंस का नाम I.N.D.I.A रखने के बीच में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) चीफ का बड़ा बयान आया है। गुवाहाटी में सरसंघ चालक मोहन भागवत ने लोगों से कहा कि वे इंडिया की जगह भारत इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा हमारे देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं है। भागवत ने कहा कि सदियों से इस देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं। इसलिए हमें इसका पुराना नाम ही इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोलने और लिखने के साथ सर्वत्र हम भारत कहें। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) चीफ के इस बयान पर सियासी तूफान खड़ा होने के आसार हैं।

दूसरों को भी समझाएं
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने सकल जैन समाज के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। भागवत ने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है। हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू करना होगा। तभी बदलाव आएगा। भागवत ने कहा कि हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी यही समझाना होगा। एक दिन पहले RSS चीफ ने कहा था कि भारत एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है और सभी भारतीय हिंदू हैं और सभी भारतीय हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

नागपुर में बोले थे कि सभी हिंदू हैं
नागपुर के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि भारत का हर व्यक्ति हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है। वैचारिक रूप से सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं। वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इसके अलावा अलावा और कुछ भी नहीं। आरएसएस चीफ ने कहा कि कुछ लोग इसे समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।

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