अहमदाबाद
गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय और सनातन धर्म के संतों के बीच खड़ा हुआ विवाद खत्म होता दिखाई दे रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों के साथ हुई बैठक में स्वामीनारायण संप्रदाय हनुमान जी के विवाद चित्रों को हटाने पर सहमत हो गया है। मंगलवार सुबह सूर्योदय से पहले सभी चित्रों को हटा दिया जाएगा। सरकार की सतों के साथ बैठक के बाद अहमदाबाद के शिवानंद आश्रम में एक बैठक हुई। इसके बाद चित्र हटाने का ऐलान किया गया, हालांकि विरोध कर रहे साधुओं की सनातनी सभा ने प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया है। सभा का कहना है कि आज की बैठक में विश्व हिंदू परिषद और स्वामीनाराय संप्रदाय के संत ही बुलााए गए थे।
बैठक में बड़े ऐलान :
- मंगलवार सुबह सूर्योदय से पहले हनुमान जी के विवादित चित्र हटाए जाएंगे
- स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों को विवादित बयान नहीं देने का कड़ा निर्देश
- कोई भी स्वामी विवाद अपने स्तर पर भड़काने वाली बयानबाजी नहीं करेगा
- स्वामीनारायण संप्रदाय की पुस्तकों में विवादित उल्लेख को होगी बड़ी बैठक
- सहमति बनी है कि इस बैठक में स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों मौजूद होंगे
सनातनी सभा नहीं राजी
सारंगपुर स्थित श्रीकष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर से विवादित चित्र हटाने के ऐलान पर अभी सनातनी सभा ने विरोध खत्म करने से मना कर दिया है। सनातनी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ज्योर्तिनाथ ने कहा है कि सनातनी सभा को प्रस्ताव स्वीकार नहीं है। आज की बैठक में व्हिप और स्वामिनारायण सम्प्रदाय के संत ही मौजूद थे सनातनी सभा को आज की बैठक में बुलाया नहीं गया था। इस सभा के संतों ने 5 सितंबर को सुरेंद्र नगर जिले के लिंबड़ी में संतों की सभा बुलाकर दबाव बढ़ा दिया था। अब देखना होगा कि कल होने वाली बैठक में सनातनी सभा के संत क्या फैसला लेते हैं?
स्वामी परमानंद ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ विहिप और स्वामी नारायण संप्रदाय के सतों की बैठक में चित्र हटाने पर सहमति बन गई थी। इसके बाद शिवानंद आश्रम में बैठक हुई और फिर स्वामी परमानंद ने बैठक में पांच मुद्दों पर फैसला लिए जाने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सूर्योदय से पहले सारंगपुर में विवादित चित्र हटा दिए जाएंगे। सारंगपुर में हनुमान के चित्रों पर विवाद हुआ था वे हनुमान की 54 फीट ऊंची मूर्ति के नीचे लगाए गए हैं। इनमें हनुमान जी को सहजानंद स्वामी के आगे उन्हें झुकते हुए और सेवा करते दिखाया गया है। सहजानंद स्वामी के नाम पर ही स्वामीनारायण संप्रदाय बना है। यह संप्रदाय सहजानंद स्वामी को स्वामीनारायण भगवान की तौर पूजा करता है। करीब तीन सौ साल पुराना यह संप्रदाय चार खेमों में बंटा हुआ है। इनमें BAPS, वड़ताल, कुंडलधाम, सोखड़ाधाम प्रमुख हैं, लेकिन इस पूरे संप्रदाय की पुस्तकें एक ही हैं। सनातनी सभा की मांग है कि पुस्तकों से भी विवादित चित्र हटाए जाएं और संप्रदाय लिखित में दे कि भविष्य में सनातन धर्म के देवी-देवताओं और आराध्य का अपमान नहीं किया जाएगा।