भोपाल
बड़े ओहदे पर बैठे यदि बीएचईएल का कोई अफसर छोटा काम करें तो चर्चाओं में जरूर आ जाता है। ऐसा ही एक मामला बीएचईएल की जगदीशपुर यूनिट का सामने आया है। बड़े ओहदे पर बैठकर इस अफसर ने बीएचईएल जैसी महारत्न कंपनी को चूना लगाने की कोशिश की या कहो कोई मजबूरी में गलत कदम उठाया पर मामला सीवीओ (विजिलेंस) तक पहुंच ही गया। शिकायत में शिकायतकर्ता ने यह कह डाला कि बीएइर्चएल भोपाल यूनिट से जगदीशपुर पहुंचे एक अफसर ने भेल के आवास मेें रहते हुए कंपनी से एचआरए तक ले डाला, वह भी लाखों रूपया। साहब ने सोचा जब मैं ही इस यूनिट का सबकुछ हूं तो फिर ऐसा करने में काहे का डर।
चर्चा इस बात की है कि इस अफसर को बीएचईएल में 2027 तक पारी खेलना है। ऐसे में विजिलेंस में शिकायत होना जांच सही पाए जाना और उस पर वापस कंपनी को एचआरए जमा कर देना सजा के बराबर ही माना जाता है। विजिलेंस ने क्या पेनाल्टी ठोकी और क्या नहीं यह अलग बात है। दरअसल इन साहब का दूसरा पहलू देखा जाए तो राजनीति के तिगड़मबाज अफसर कहे जाते है। प्रमोशन के दावेदार भी बताए जा रहे है। इसलिए जब बीएचईएल की जगदीशपुर यूनिट पहुंचे तो वहां गेस्ट हाउस न होने के कारण उन्होंने बीएचईएल का बंगला ले डाला। तो यह कहा जाए कि गेस्ट हाउस में रहते हुए अफसर एचआरए तो ले सकता है लेकिन बीएचईएल के बंगले में रहकर नहीं। अब जिनको ऊं चे ओहदे पर रहकर बड़ी-बड़ी यूनिट में 2027 तक पारी खेलना हो और प्रशासनिक जानकारियां न हो इसे क्या कहेंगे। इस मामले में जगदीशपुर यूनिट के एचआर विभाग के एक अधिकारी को भी सीवीओ ने नोटिस जारी किया है।