कोलंबो
बांग्लादेश ने एशिया कप में सुपर-फोर का अपना लगातार दूसरा मुकाबला भी गंवा दिया। डिफेंडिंग चैंपियन और मेजबान श्रीलंका ने उसे 21 रन से हराते अपना विजयरथ जारी रखा। यह वनडे फॉर्मेट में इस साल श्रीलंका की लगातार 13वीं जीत थी। मुकाबले में टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सदीरा समरविक्रमा की 93 रन की तेजतर्रार पारी के दम पर श्रीलंका ने नौ विकेट पर 257 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश लगातार अंतराल में विकेट गंवाता गया, इस तरह उसकी पारी 48.1 ओवर्स में 236 रन पर ही सिमट गई। तौहीद ह्रदय (97 गेंद में 82 रन) को छोड़कर कोई भी बांग्लादेशी बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं पाया। श्रीलंका के लिए तेज गेंदबाज मथीथा पथिराना ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। कप्तान दासुन शनाका को तीन सफलता मिली। पाकिस्तान के खिलाफ सुपर-फोर का अपना पहला मैच गंवाने के बाद अब बांग्लादेश का अगला मैच भारत से होगा।
श्रीलंका की लगातार 13वीं जीत
इस जीत के साथ ही श्रीलंका ने लगातार 13 मुकाबलों में फतह हासिल कर ली है। एकदिवसीय क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है। इस टीम ने साल 2003 में लगातार 21 वनडे मैच जीते थे। अब कंगारुओं के बाद श्रीलंका (13) का नंबर आ गया। इसके बाद साउथ अफ्रीका (12) और पाकिस्तान (12) का नंबर आता है
समरविक्रमा का पराक्रम
श्रीलंका ने भले ही यह मुकाबला जीत लिया हो, लेकिन उसकी कहानी भी बांग्लादेश की ही तरह थी। 72 गेंद में समरविक्रमा की आठ चौके और दो छक्के वाली पारी को छोड़ दिया जाए तो कोई भी बल्लेबाज मैदान पर खड़े होने की नियत से नहीं आया था। सिर्फ कप्तान दासून शनाका (24) के साथ उनकी छठे विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी हुई। कुसल मेंडिस (50) और पथुम निसंका (40) ने दूसरे विकेट के लिए 74 रन की साझेदारी की, लेकिन इसके लिए 117 गेंदों का सामना किया। मेंडिस ने अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान 73 गेंद में छह चौके और एक छक्का लगाया जबकि निसंका ने 60 गेंद की पारी में पांच चौके जड़े। बांग्लादेश के स्पिनरों ने रनों पर अंकुश लगाते हुए कुल 23 ओवर में 89 रन दिए जबकि तेज गेंदबाजों ने आपस ने आठ विकेट साझा किए। इसमें हसन महमूद और तस्कीन अहमद ने तीन-तीन जबकि शरिफुल इस्लाम को दो सफलता मिली।