चंद्रबाबू नायडू को 22 सितंबर तक के लिए भेजा गया जेल, कौशल विकास घोटाला केस में हुए थे

अमरावती

विजयवाड़ा की एक अदालत ने रविवार को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लंबी बहस और दिन भर के तनाव के बाद एसीबी कोर्ट ने रव‍िवार देर शाम फैसला सुनाया। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने शनिवार सुबह गिरफ्तार किया था। उनको राजमुंदरी सेंट्रल जेल में भेजे जाने की संभावना है।

अदालत का आदेश टीडीपी के लिए एक बड़ा झटका है। क्‍योंक‍ि उनके नेता अनुकूल फैसले की उम्मीद कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद चंद्रबाबू नायडू के वकीलों ने जमानत याचिका दायर की। यह फिलहाल साफ नहीं था कि याचिका पर तुरंत सुनवाई होगी या नहीं। इससे पहले रव‍िवार सुबह करीब छह बजे शुरू हुई बहस करीब छह घंटे तक जारी रही।

तीन बजे सुनवाई हुई पूरी
जहां अभियोजन पक्ष ने चंद्रबाबू नायडू की 15 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की, वहीं टीडीपी नेता के वकील ने इसका विरोध किया। दोपहर करीब तीन बजे दलीलों की सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू, उनके वकील, परिवार के सदस्य और टीडीपी नेता उत्सुकता से फैसले का इंतजार कर रहे थे। टीडीपी प्रमुख ने स्वयं जजों के सामने दलीलें रखी थीं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और राज्‍य में सत्‍तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया।

नायडू ने आंध्र सरकार पर बोला हमला
नायडू ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून का कोई शासन नहीं है क्योंकि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालत को यह भी बताया कि कौशल विकास परियोजनाओं के लिए धन 2015-16 के राज्य बजट में प्रदान किया गया था और तर्क दिया कि विधानसभा की ओर से पारित बजट को आपराधिक कृत्य नहीं कहा जा सकता।

‘नायडू के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं’
नायडू की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि सीआईडी ने विपक्ष के नेता को गिरफ्तार करने से पहले राज्यपाल से अनुमति नहीं ली। सीआईडी की ओर से मामले की पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने अदालत को बताया कि नायडू के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं।

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