राजस्थान में अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ाएंगे दुष्यंत चौटाला? परदादा का रहा है रेगिस्तान से खास कनेक्शन

नई दिल्ली

राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने हैं। जहां कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल तैयारी में जुट गए हैं। राजस्थान की राजनीति को लेकर कहा जाता है कि यहां इन दो सियासी पार्टियों के अलावा तीसरा मोर्चा बनना या किसी ऐसी तीसरी पार्टी का सामने आना मुश्किल है जो इन्हें टक्कर दे पाए। हम प्रदेश के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालेंगे तो वहां इस बात में दम दिखाई दिखाई देगा। लेकिन इस बार राजस्थान की राजनीति में हरियाणा की एक पार्टी की एंट्री होती दिखाई दे रही, 2019 के विधानसभा चुनावों में हरियाणा में “किंगमेकर” के तौर पर उभरने के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अब राजस्थान की तरफ अपनी निगाहें जमा रहे हैं।

क्या है JJP की तैयारी?
जेजीपी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला बुधवार से शनिवार तक राजस्थान के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर रहे। उन्होंने अपनी पार्टी का कैडर बढ़ाने के इरादे से कई जिलों में जेजेपी कार्यालय खोले। ठीक वही वादे दोहराए जिन्हें हरियाणा की जनता के सामने रखा था। चौटाला ने नौकरियों में 75% आरक्षण, बढ़ती बेरोजगारी दर पर रोक, फसल नुकसान के लिए मुआवजे की मांग, पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण, बेहतर फसल खरीद, किसानों को भुगतान जैसे वादे किए।

हरियाणा के डिप्टी सीएम के परदादा चौधरी देवी लाल जो भारत के छठे उप प्रधान मंत्री भी रहे 1989 में राजस्थान के सीकर लोकसभा क्षेत्र और हरियाणा के रोहतक लोकसभा क्षेत्र से एक साथ चुने गए थे। अब दुष्यंत चौटाला अपने परदादा की जमीन तलाशने राजस्थान पहुंचे हैं। हालांकि अभी तक JJP ने चुनाव में उतरने के तरीके पर किसी तरह की बात नहीं कही गई है, ऐसे में सवाल यह है कि वह भाजपा के साथ चुनाव में जाएंगे या अकेले?

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि JJP राजस्थान में कम से कम 25-30 सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रही है। भाजपा के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था या गठबंधन की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए दुष्यंत ने कहा, “भाजपा के साथ चर्चा जारी है, लेकिन अभी हम कम से कम 25-30 सीटों पर अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एक बात जो मैं देख रहा हूं वह यह है कि युवा बड़ी संख्या में जेजेपी के साथ जुड़ रहे हैं और उससे हाथ मिला रहे हैं और यह हमारी बड़ी ताकत में से एक बनने जा रही है।”

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