प. बंगाल में कैबिनेट फेरबदल, बाबुल सुप्रियो-अरूप रॉय ने गंवाई कुर्सी, ज्योतिप्रिय मल्लिक की ‘पावर लॉबी’ में वापसी

कोलकाता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नवान्न दौरे से पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। हकीकत में ये सच साब‍ित हुई हैं। सारी अटकलें सच निकलीं और बाबुल सुपियो को पर्यटन विभाग से हाथ धोना पड़ा। उनकी जगह राज्य मंत्री को पर्यटन विभाग की स्वतंत्र जिम्मेदारी मिली है। बाबुल को सूचना और प्रौद्योगिकी के अलावा गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की भी अहमियत बढ़ी है। उन्हें वन विभाग के साथ-साथ सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, अरूप रॉय को सहकारिता महकमा से हटा दिया गया है। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण विभाग में भेजा गया है। पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार को सहकारिता कार्यालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी निवेश आकर्षित करने के लिए स्पेन का दौरा कर रही हैं। उनके विदेशी दौरे से पहले ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि राज्य मंत्रिमंडल में कई फेरबदल हो सकते हैं। नबन्ना सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कई विभागों के कामकाज से नाखुश थीं। हालांकि संबंधित विभाग के जिम्मेदार मंत्रियों को इस बारे में चेतावनी दी गई, लेकिन विभाग के कामकाज में कोई बदलाव नहीं आया। आखिरकार राज्य मंत्रिमंडल में अपेक्षित फेरबदल हो गया है।

बाबुल सुप‍ियो का कद क्‍यों घटा?
पर्यटन विभाग की स्वतंत्र जिम्मेदारी सूचना और संस्कृति राज्य मंत्री इंद्रनील सेन के हाथों में थी। बीजेपी से तृणमूल में आने और विधायक बनने के बाद ममता ने इस महकमे की जिम्मेदारी बाबुल सुप‍ियो को सौंप दी। मुख्यमंत्री के इस फैसले से इंद्रनील कुछ द‍िनों के लिए परेशान हो गए। हाल ही में पर्यटन विभाग के कामकाज को लेकर बाबुल-इंद्रनील विधानसभा के गलियारे में पत्रकारों से भिड़ गए थे। दोनों मंत्रियों के बीच तीखी बहस हुई। बाबुल ने इंद्रनील पर ऑफिस के काम में सीधे तौर पर दखल देने का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही विभाग के मंत्री बदलने की अटकलें लगाई जा रही थीं। वह अटकलें आखिरकार सच हो गईं।

ज्योतिप्रिय मल्लिक की अहमियत बढ़ी
वहीं 2021 के चुनाव में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद ज्योतिप्रिय मल्लिक की अहमियत कम हो गई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें खाद्य विभाग से कम महत्वपूर्ण वन विभाग में भेज दिया था। उनका महत्व समाप्त हो गया था। अब ज्योतिप्रिय फिर से अहम ज‍िम्‍मेदारी सौंपी गई है। ममता ने उन्‍हें वन व‍िभाग के अलावा सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।

मंत्री अरूप रॉय क्‍यों हुआ ऐक्‍शन
उधर, हावड़ा के मंगला हाट में आग लगने की घटना के बाद व्यापारियों ने मंत्री अरूप रॉय पर आरोप की उंगली उठाई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद मौके पर गईं और अरूप पर गुस्सा निकाला था। माना जा रहा है कि इसी वजह से उन पर ऐक्‍शन हुआ है। फ‍िलहाल अरूप रॉय को सहकारिता महकमा से हटा दिया गया है। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण विभाग में भेजा गया है।

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