iPhone 15 में इस बार ‘i’ का मतलब सीधे INDIA… समझें क्यों कहा जा रहा है ऐसा

नई दिल्ली,

Apple ने नए iPhones यानी iPhone 15 सीरीज को लॉन्च कर दिया है. इस सीरीज में कंपनी ने पिछली सीरीज की तरह ही चार नए आईफोन लॉन्च किए हैं. हालांकि, इस बार के iPhone भारत के लिए बहुत खास हैं. हमने तीन ऐसे पॉइंट्स पाए हैं, जो भारत और Apple के लिए खास हैं, क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है.

जैसे कंपनी ने आखिरकार iPhone में NavIC का सपोर्ट दे दिया है. NavIC भारत का डेवलप किया गया है नेविगेशन सिस्टम है. अब तक आईफोन में इसका सपोर्ट नहीं मिलता था, लेकिन कंपनी ने इस बार iPhone 15 Pro सीरीज में इसे जोड़ दिया है.

NavIC भारत का विकसित किया गया रीजनल सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है. इसे ISRO ऑपरेट करता है. ये नेविगेशन सिस्टम अमेरिका के GPS और रूस के GLONASS की तरह है. इसे तैयार होने में कई साल का वक्त लगा है.

भारत के लिए क्यों है इस बार का iPhone खास?
इसके अलावा पहली बार सेल के पहले दिन से ही आपको Made in India आईफोन मिलेंगे. वैसे तो Made in India आईफोन पहले भी मिलते थे, लेकिन ये पहला मौका होगा, जब लेटेस्ट आईफोन मेड इन इंडिया टैग के साथ पहले दिन बाजार में मिलेंगे. ये भारत के लिए किसी माइलस्टोन से कम नहीं है.

इतना ही नहीं, इस बार एक और चीज भारत के लिए खास है. Apple ने इस साल ही भारत में अपना पहला स्टोर ओपन किया है. कंपनी दिल्ली और मुंबई दोनों जगहों पर अपना पहला स्टोर ओपन कर चुकी है. इस स्टोर से आपको मेड इन इंडिया आईफोन भारत में पहले दिन से ही मिलने लगेंगे, जिसे भारत का डेवलप किया हुआ NavIC नेविगेशन सिस्टम मिलेगा.

यानी भारत में बना iPhone सेल के पहले दिन ही भारत में खुले आधिकारिक ऐपल स्टोर पर उपलब्ध होगा. ऐसा नहीं है कि इससे पहले भारत में ऑफलाइन चैनल्स से iPhone नहीं मिलता था. कंपनी पहले भी तमाम रिसेलर्स की मदद से अपने प्रोडक्ट को भारत में बेचा करते थे, लेकिन अब आप इसे ऐपल के आधिकारिक स्टोर से खरीद सकेंगे.

कैसे हुई NavIC की शुरुआत
NavIC भारत का डेवलप किया गया है नेविगेशन सिस्टम है. अब तक आईफोन में इसका सपोर्ट नहीं मिलता था, लेकिन कंपनी ने इस बार iPhone 15 Pro में इसे जोड़ दिया है. इसके अलावा पहली बार सेल के पहले दिन से ही आपको Made in India आईफोन मिलेंगे. NavIC की शुरुआत 2000 से होती है. कारगिल युद्ध में भारत के पास अपना नेविगेशन सिस्टम नहीं था. इसकी वजह से युद्ध में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद सरकार ने देसी नेविगेशन सिस्टम विकसित करने का फैसाल किया.

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